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दिल्ली के उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग में 200 करोड़ के कथित घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें पांच इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पीओसी अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की गई है।

Delhi Government Hospitals Scam: दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग में 200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को लोक निर्माण विभाग, जीएनसीटीडी के 5 इंजीनियरों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं। सौरभ भारद्वाज पर 24 नए अस्पतालों के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। 

दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। बीते कुछ महीनों में भी कई बार ऐसे आरोप लगे हैं कि दिल्ली के अस्पतालों के निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा समेत कई विपक्षी दलों ने इन आरोपों को लगातार उठाया है।

इन इंजीनियरों के दिए गए हैं जांच के आदेश

पीओसी अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 17 ए के तहत उपराज्यपाल ने इस पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। जिन इंजीनियरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं, उनमें सुभाष चंद्र दास, एई, सुभाष चंद, एई, अभिनव, जेई, रघुराज सोलंकी, जेई और राजेश अग्रवाल, जेई, स्वास्थ्य क्षेत्र, पीडब्ल्यूडी शामिल हैं।

सरकारी खजाने को 200 करोड़ रुपये का नुकसान

दिल्ली सरकार के अस्पतालों में काम से जुड़े इस कथित घोटाले से सरकारी खजाने को 200 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले में एफआईआर संख्या 08/2024 दिनांक 06 मई 2024 को दर्ज की थी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो अब इन इंजीनियरों के खिलाफ जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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