Delhi Yamuna Pollution: दिल्ली में यमुना नदी का प्रदूषण कई सालों से एक बडा़ मुद्दा रहा है। दिल्ली सरकार यमुना की सफाई करा रही है लेकिन इसके बावजूद लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। DPCC की हालिया जल गुणवत्ता रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तय मानकों के मुताबिक 8 जगहों से यमुना नदी के पानी के सैंपल लिए गए थे, जिसके अनुसार यमुना का पानी कई गुना ज्यादा दूषित पाया गया है। कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। 

देवेंद्र यादव ने DPCC की रिपोर्ट पर जताई चिंता

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी (DPCC) की इस रिपोर्ट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा यमुना की सफाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाकर सत्ता में आई थी। सरकार पिछले 1 महीने में इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। दिल्ली सरकार के मंत्री केवल फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है। 

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जहरीला हो चुका है यमुना का पानी

उन्होंने आगे कहा कि यमुना में गिर रहे अशोधित सीवेज और इंडस्ट्रियल वेस्ट के कारण पानी जहरीला हो चुका है। मानव अपशिष्ट और जैविक ऑक्सीजन मांग के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण यमुना में जलीय जीवन लगभग समाप्त होने की कगार पर है। दिल्ली की जनता चाहती है कि भीषण गर्मी की शुरुआत से पहले यमुना की सफाई और जल संशोधन की प्रक्रिया तेज की जाए, ताकि गर्मी में दिल्लीवासियों को जल संकट का सामना न करना पड़े। देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार भी केजरीवाल सरकार की तरह केवल बयानबाजी कर रही है। अगर जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो जनता विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर सकती है। 

दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी रिपोर्ट में सामने आए ये पॉइंट्स

  • दिसंबर 2024 में फेकल केलीफार्म का स्तर 8.4 मिलियन यूनिट प्रति 100 एमएल था। वहीं फरवरी 2025 में फेकल केलीफार्म का स्तर बढ़कर 16 मिलियन यूनिट प्रति 100 एमएल हो गया।
  • बीओडी का अधिकतम स्तर 3 एमजी प्रति लीटर होना चाहिए, जो पल्ला में 6 एमजी प्रति लीटर और असगरपुर में 72 एमजी प्रति लीटर रहा। ये स्तर तय मानकों से 24 गुना ज्यादा है। 
  • वहीं सबसे बड़ी वजह ये है कि नालों का मलमूत्र और कंपनियों से निकलने वाला वेस्ट बिना ट्रीटमेंट के सीधे यमुना में गिराया जा रहा है। इसके कारण यमुना के पानी की गुणवत्ता और खराब हो रही है। 

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