Delhi Pollution Tips: दिल्ली में पॉल्यूशन पर काबू पाने के लिए सरकार ने सारे तरीके अपना लिए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है। स्मॉग से ढकी राजधानी दिल्ली में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दिल्ली वालों की सांसों पर प्रदूषण का संकट सबसे भारी पड़ता नजर रहा है। दिल्ली अब एक तरह से एयर इमरजेंसी की ओर बढ रही है। लेकिन दूसरी तरफ प्रदूषण से निपटने के दिल्ली सरकार के लाख दावे और किए जा रहे तमाम उपाय भी बेकार साबित हो रहे हैं। चलिए बताते हैं आप अगर दिल्ली में रहते हैं, तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

डॉक्टर ने बताया किन बातों का रखें ध्यान

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर डॉक्टर मनोज पात्रा का कहना है कि एक्यूआई के 500 तक पहुंचने और वातावरण में छाई स्मॉग की मोटी परत, इस समय सांस, अस्थमा, कफ व फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारी वाले मरीजों के लिए प्राणघातक तक हो सकती है। जबकि आंखों की बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के लिए भी स्मॉग परेशानियां वाला साबित हो सकता है। प्रदूषण यह उच्च लेवल आंखों व सांस के मरीजों के अलावा इन दिनों छोटे बच्चों, नवजात शिशुओं के लिए भी हानिकारक है।

एन 95 मास्क का करें इस्तेमाल

खासकर उन बच्चों के लिए जिन्हें किसी भी तरह की एलर्जी होती है, जैसे खांसी, नाक बहना, जुकाम होना, कहीं भी खुजली होना, शरीर पर पित्ती निकलना, आंखे आना (सूजन) जैस बीमारी आसानी से जकड़ लेती है। इसके अलावा बुजुर्ग लोगों को तो इस समय बाहर निकलने से बचाना चाहिए। डॉक्टर पात्रा ने सलाह दी कि जहां तक संभव हो सके बिना जरूरी घर से बाहर न निकले, अगर निकले तो एन 95 मास्क या जो भी उपलब्ध हो का प्रयोग अवश्य करें। आंखों का अधिकांश हिस्सा कवर करने वाले चश्में लगाना न भूले जिससे कुछ राहत जरूर मिल सकती है।

जानें किन इलाकों का कितना है AQI

सोमवार को दिल्ली का वायु प्रदूषण स्तर इस सीजन की सारी हदें तोड़ 500 के तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार औसत दिल्ली का वायु प्रदूषण ग्राफ सुबह के समय 484 दर्ज हुआ, जो गंभीर श्रेणी में आता है। पंजाबी बाग, मुंडका, वजीरपुर, नॉर्थ कैंपस, डीयू, बवाना और अशोक विहार जैसे क्षेत्रों में जहरीली हवा का स्तर एक्यूआई लेवल 500 पहुंच गया , जबकि बाकी एरिया में 480 के ऊपर है।  इनमें जहांगीरपुरी में 448, नेहरू नगर 494, रोहिणी 491, आनंद विहार 490, विवेक विहार 485, आया नगर 490, नरेला 479, आर के पुरम 465, शादीपुर 474 ओखला 479 सहित अन्य कई क्षेत्र शामिल है।

मजबूरन ग्रैप-4 करना पड़ा लागू

इन आंकड़ों का सीधा से मतलब है कि अब राजधानी अति गंभीर प्रदूषण के मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसे सांस लेने के लिए हवा का आपातकाल माना जा सकता है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)- 4 भी सोमवार से दिल्ली में लागू कर दिया है, जिसके तहत आने वाली सभी पाबंदियां सख्ती से पालन करवाने के दावे भी किए जा रहे है। बता दें कि ग्रैप का चरण एक 200-300 एक्यूआई पर लगाया जाता है। जबकि एक्यूआई 301-400 पहुंचने पर ग्रेप चरण दो, एक्यूआई 401-450 पहुंचने पर ग्रैप चरण तीन और एक्यूआई 450 से ऊपर पहुंचने पर सरकार ग्रैप के चरण चार को लागू करते हुए कठोर कदम उठाती है।

दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध

सरकार डीजल वाहनों सहित पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, निर्माण व तोड़फोड़ बंद, स्कूल बंद, हाथों से सफाई बंद आदि अनेक पाबंदियां पहले से लागू थी लेकिन प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण जानकार एस सुधीरण का कहना है कि मौसम में ठंडक बढ़ने के चलते दिल्ली में स्मॉग का कहर बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि जब हवा में धूल के कण, ठंड वाली धुंध और धुंआ तीनों मिल जाते है वह स्मॉग का रूप धारण कर लेता है, जो सांस लेने में परेशानियों का कारण बनता है।

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