Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे को लेकर देशभर से इंसाफ की मांग हो रही है। आज घटना का 5वां दिन है, लेकिन छात्रों का गुस्सा नहीं थम रहा है। छात्र लगातार दिल्ली सरकार और एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन कर अपनी मांग रख रहे हैं। आज दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मामले में सुनवाई करते हुए एमसीडी समेत डीडीए को फटकार लगाई और कमिश्नर को भी तलब किया है। अब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कराने वाले जानें-माने शिक्षक अवध ओझा ने भी मामले में चुप्पी तोड़ी है। छात्रों को कई दिनों से अवध ओझा की प्रतिक्रिया का इंतजार था। आज उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपनी 4 मांगे सरकार के सामने रखी है।
'सरकार ने दिखाई लापरवाही'
अवध ओझा ने कहा कि जब यह घटना हुआ तो मैं 27 जुलाई को जयपुर में एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए गया था। मैं प्रदर्शन कर रहे छात्रों के पास जाना चाहता था, लेकिन मुझे ये नहीं समझ आ रहा था कि आखिर जाकर बात किससे करेंगे। उन्होंने कहा कि जब मुखर्जी और सूरत में इस तरह की घटना हुई, तो सरकार सोई रही। अगर उसी समय सख्त एक्शन लेते हुए सभी बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद करा दिया जाता, तो आज यह हादसा नहीं होता। इस हादसे से पहले राव कोचिंग की एक छात्रा ने एमसीडी से अपने संस्थान की शिकायत की थी,लेकिन इस पर एक्शन नहीं लिया गया।
अवध ओझा ने सरकार के सामने रखी ये 4 मांगें
यूपीएससी के शिक्षक अवध ओझा ने अपनी पहली मांग रखते हुए कहा कि बेसमेंट में चल रहे सभी कोचिंग सेंटरों को बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा जब मैं अपनी कोचिंग चलाने के लिए क्लास ले रहा था, तो मुझे भी कहा गया कि बेसमेंट ले लीजिए, लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि बेसमेंट में मेरा दम घुटता है। उन्होंने दूसरी मांग की है कि कोचिंग सेंटर में सीमित सीटें रहे।
कोचिंग के एक बैच में अधिकतम 100 बच्चे ही पढ़े। तीसरी मांग है कि अगर कोई घटना कोचिंग में होती है, तो मामले में आरोपी को आजीवन कारावास दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने चाथी मांग की है कि सभी कोचिंग को प्रत्येक साल एक लिस्ट जारी करना चाहिए कि उनके कोचिंग से कितने बच्चों ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है।
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