Delhi Artificial Rain: हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली में प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। नवंबर का महीना दिल्ली वालों के लिए आसान नहीं होता है। इस महीने राजधानी में सबसे अधिक प्रदूषण देखने को मिलता है, इससे लोगों को सांस लेने में तो दिक्कत होती ही है, इसके अलावा भी कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरना पड़ता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय इसको लेकर अभी से सतर्क हैं। आप नेता ने केंद्र को पत्र लिखकर नवंबर के महीने में प्रदूषण बढ़ जाने के बाद कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है।
नवंबर में होती है काफी कम बारिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 के नवंबर महीने में भी दिल्ली प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश को शानदार तरकीब मान रही थी। ऐसे में दिल्ली सरकार एक बार फिर उसी समाधान को लेकर विचार कर रहे हैं। नवंबर अभी 3 महीने दूर है, लेकिन राजधानी में प्रदूषण का खौफ ऐसा है कि इसको लेकर सरकार की चिंता अभी से बढ़ी हुई है। इसका कारण यह है कि इसी महीने के आसपास हरियाणा में पराली जलाई जाती है और इस महीने बारिश भी कम होती है, जिसके कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
दिल्ली की गिनती दुनियाभर के सबसे पॉल्यूटेड शहरों में की जाती है। गोपाल राय ने कल यानी 30 अगस्त को केंद्र को क्लाउड सीडिंग की फिजिबिलिटी के लिए सभी स्टेकहोल्डरों की मीटिंग के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने यूनियन एनवायरनमेंट मिनिस्टर भूपेंद्र यादव को पत्र लिखते हुए कृत्रिम बारिश कराने की मांग रखी है।
कृत्रिम बारिश से तत्काल कम होता है प्रदूषण
गोपाल राय ने पत्र में कहा कि नवंबर में प्रदूषण का चिंताजनक स्तर तक पहुंचने के बाद हर विकल्प को एक्सप्लोर करने की जरूरत है। इस परिस्थिति में अगर हम कृत्रिम बारिश कराते हैं, तो इससे तुरंत राहत मिलने की गुंजाइश रहती है। बताते चलें कि आर्टिफिशियल बारिश करवाने के लिए सबसे अहम प्रक्रिया है क्लाउड सीडिंग का, जिस पर सरकार विचार कर रही है। गोपाल राय ने कहा कि इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली सरकार और आईएमडी के साथ अन्य जरूरी एजेंसियों की एक मीटिंग होनी जरूरी है।
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