Fake Medicine Row: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली दवाओं का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एलजी विनय सक्सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने सीबीआई जांच के लिए मामला गृह मंत्रालय को भेज दिया है। साथ ही, आप सरकार ने दवा मामले की जांच पूरी होने तक स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार को निलंबित करने की सिफारिश की है।
विजिलेंस विभाग ने अपने पत्र में क्या कहा
डायरेक्ट्रेट विजिलेंस ने एमएचए को लिखे पत्र में कहा कि हमें यह कहने का निर्देश दिया गया है कि मानक पर खरी नहीं उतरी दवाओं की आपूर्ति के लिए कोई भी कार्रवाई सीपीए तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए और पूरी आपूर्ति श्रृंखला की जांच करने की जरूरत है। इस मामले में दवा आपूर्तिकर्ता की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। यह सप्लायर्स ही दवा खरीदकर अस्पतालों में भेजते हैं। इन दवाओं की आपूर्ति की गंभीरता और उद्देश्यों को समझने के लिए सीबीआई जांच बेहद जरूरी है।
एलजी विनय सक्सेना ने जताई चिंता
उपराज्यपाल विनय सक्सेना के ऑफिस की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों को खराब गुणवत्ता वाली दवाएं मिल रही हैं। राजधानी में जांचे गए दवाओं के 10 फीसदी नमूने फेल हो गए हैं। दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है कि एलजी ने यह कार्रवाई विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट के आधार पर की है। दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को लिखे नोट में कहा कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश करना चिंताजनक है। ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं। दवाओं की खरीद में भारी भरकम बजट के आवंटन पर भी चिंता व्यक्त की गई।
दिल्ली सतर्कता विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की सरकारी लैब में भेजे गए 43 नमूनों में से 3 नमूने फेल हो गए। प्राइवेट लैब में भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से 5 नमूने फेल हो गए। विजिलेंस विभाग ने सिफारिश की है कि 10 फीसदी से ज्यादा सैंपल फेल हो गए हैं। इसलिए विभाग को सैंपलिंग का दायरा बढ़ाना चाहिए। बता दें कि ये दवाएं सरकार की केंद्रीय खरीद एजेंसी द्वारा खरीदी गई थीं और सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों को आपूर्ति की गई थीं।