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दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को नसीहत ही। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर योजना के लिए फंडिंग रोकने का आरोप लगाया है।

Farishtey Dilli Ke Scheme: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच शुरुआत से ही खींचतान चल रही है। इस बार दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना पर चर्चा तेज है। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर फरिश्ते योजना के लिए फंडिंग रोकने का आरोप लगाया है। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना से हलफनामा मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट ने दी एलजी को नसीहत

सुप्रीम कोर्ट ने फरिश्ते मामले से जुड़ी सुनवाई के बीच एलजी को कहा कि वह हर मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं। इसके साथ कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के फरिश्ते योजना से संबंधित आरोप सही पाए गए, तो यह भारी पड़ सकता है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि एलजी कोर्ट के आदेश को हल्के में ले रहे हैं। फरिश्ते सड़क दुर्घटना के मामलों में मुफ्त इलाज प्रदान करने के लिए आप सरकार द्वारा शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस योजना के लिए फंडिंग रोक दी।

दिल्ली सरकार ने याचिका में की ये मांग

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका में एलजी को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह निजी अस्पतालों को लंबित बिल जारी करें और समय पर भुगतान करके योजना को तत्काल फिर से चालू करने में मदद करें। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका में बिल भुगतान में चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और निलंबन की कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की है।

योजना में किसी भी तरह से शामिल नहीं- उपराज्यपाल

वहीं, इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का कहना है कि वह सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार का विस्तार करने वाली फरिश्ते योजना में किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं।

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