दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा के मुद्दे पर विश्वभर में सराहना हासिल की, लेकिन दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे सामने आने के बाद अरविंद केजरीवाल की 'क्रांतिकारी पार्टी' की छवि को खासा नुकसान देखा जा रहा है। यही वजह है कि देश-विदेश के बड़े मीडिया संस्थानों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के हारने की खबर को प्रमुखता से पब्लिश किया है। विशेषकर नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल की हार का जिक्र किया गया है। इसके अलावा, शिक्षा के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर सराहना हासिल करने वाले मनीष सिसोदिया के हारने से भी दुनिया हतप्रभ है। तो चलिये बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल समेत आप के दिग्गज नेताओं पर वैश्विक मीडिया ने क्या कुछ लिखा...

डॉन ने लिखा- दिल्ली में बीजेपी ने की जबरदस्त वापसी

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने लिखा कि इंडिया अलायंस के महत्वपूर्ण स्तंभ अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। पत्रकार राहुल वर्मा के हवाले से अखबार ने लिखा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार हुई थी, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी की। विशेषकर दिल्ली चुनाव ने साबित कर दिया कि बीजेपी मजबूत स्थिति में है। अखबार ने लिखा कि पहले शिक्षा जैसे मुद्दे होते थे, लेकिन लंबे समय से वायु प्रदूषण जैसे मुद्दे उठ रहे हैं, जिससे निपटने में केजरीवाल की सरकार विफल दिखी।

आम आदमी पार्टी राजनीतिक पार्टी बनकर रह गई

विदेशी मीडिया ने आम आदमी पार्टी को क्रांतिकारी पार्टी बताया था, लेकिन दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद पाकिस्तानी मीडिया आम आदमी पार्टी को सिर्फ राजनीतिक पार्टी बता रहा है। अल जजीरा ने लिखा कि पिछले समय से आम आदमी पार्टी ने विशेषकर मध्यम वर्गीय लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना भूल गई और सिर्फ राजनीति पर फोकस किया गया। नतीजा यह हुआ कि हार का सामना करना पड़ा। अल जजीरा में जेएनयू के प्रोफेसर निवेदिता मेनन के हवाले से लिखा कि बीजेपी ने जिस तरह से प्रदर्शन किया, उससे लगता है कि भाजपा अब कभी कोई भी चुनाव नहीं हारेगी।

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दिल्ली में विकास के मुद्दों की अनदेखी पड़ी भारी

गल्फ न्यूज और ढाका ट्रिब्यून जैसे अखबारों ने लिखा कि आम आदमी पार्टी का मुख्य ध्यान लोगों को मुफ्त रेवड़ियां बांटने का था, जबकि दिल्ली की स्थिति खराब हो रही थी। यमुना प्रदूषण, वायु प्रदूषण, टूटी सड़कें जैसे कई मुद्दे हैं, जिससे दिल्ली के लोगों का सत्ताधारी दल से नाराज होना लाजमी है। अखबारों के हवाले से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के लिए संतोषजनक बात सिर्फ ये है कि वोटिंग प्रतिशत में ज्यादा गिरावट नहीं है, लिहाजा दिल्ली के लोगों का विश्वास हासिल कर आम आदमी पार्टी दोबारा से सत्ता हासिल कर सकती है। इसके उलट, बीजेपी ने जिस तरह से प्रदर्शन किया और अन्य राज्यों की तरह शासन किया तो आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल बरकरार रहेंगी।

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अमेरिका अखबारों में भी केजरीवाल की हार की चर्चा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी अखबारों में भी अरविंद केजरीवाल की हार की खबर को शामिल किया गया है। एसोसिएटेड पोस्ट के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने अमित शाह का बयान पब्लिश किया। अमित शाह ने कहा कि लोगों को हर बार झूठ बोलकर गुमराह नहीं किया जा सकता। इस वजह से आम आदमी पार्टी को नकारा गया। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा दिल्ली के लोगों को किए वादों को पूरा करके राजधानी को दुनिया की नंबर एक राजधानी बनाएगी। उधर, बयान छापा है कि केजरीवाल हार को स्वीकार करते हैं। वे लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करते रहेंगे और रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।