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Arvind Kejriwal News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उनकी गिरफ्तारी से लेकर जमानत के बीच क्या घटनाक्रम घटा था। पढ़िए विस्तृत खबर...

Arvind Kejriwal Interim Bail: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आज (10 मई को) 1 जून तक की अंतरिम जमानत दे दी है। उन्हें अब 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना होगा। बता दें कि सीएम केजरीवाल पिछले 40 दिनों से तिहाड़ जेल में थे। इससे पहले 11 दिन तक ईडी की न्यायिक हिरासत में थे। 7 मई को हुई सुनवाई में लंच से पहले तक कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत की शर्तें तय कर ली थीं।

अदालत ने केजरीवाल से कहा कि अगर आपको जमानत दी जाती हैं तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। चुनाव 5 साल में एक बार आते हैं। अदालत ने ED से कहा था कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, 7 मई को बेंच बिना फैसला सुनाए ही उठ गई थी। बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने 8 मई को कहा कि हम 10 मई को जमानत पर फैसला सुनाएंगे।

ईडी ने दायर किया था हलफनामा

इसके बाद ईडी ने बीते दिन (9 मई को) सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया। ईडी ने कहा है कि चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को जमानत नहीं दी जा सकती। कानून सभी के लिए समान है और चुनाव प्रचार करना किसी का मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है।

जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कभी भी किसी नेता को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई है। अगर केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत दी जाती है तो इससे एक गलत मिसाल कायम होगी।  बताते चलें कि 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सशर्त जमानत देने का संकेत दिया था।

कोर्ट ने दिल्ली सीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। वह आदतन अपराधी नहीं हैं। चुनाव चल रहा है। अगर कोर्ट केजरीवाल को जमानत देती है, तो हम शर्त यही रहेगी कि वह सरकार के कामकाज में दखल नहीं देंगे।

21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि 21 मार्च को ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तार किया था, इसके बाद उन्हें 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 28 मार्च तक यानी 6 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया था। इसके बाद कोर्ट ने दोबारा 1 अप्रैल तक ईडी की रिमांड बढ़ा दी।

फिर उन्हें 1 अप्रैल को अदालत में पेश किया इस बार कोर्ट ने उनको 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। सीएम को तिहाड़ की 2 नंबर जेल में रखा गया था। केजरीवाल ने जेल में अध्ययन के लिए कोर्ट से 3 किताबों की मांग की। जिसमें रामायण, गीता और नीरजा चौधरी की किताब How Prime Minister decide शामिल है।

केजरीवाल 4.5 किग्रा कम हुआ वजन

इसके बाद 3 अप्रैल को आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि सीएम केजरीवाल का वजन तेजी से गिर रहा है। 21 मार्च और 2 अप्रैल के बीच में उनका 4.5 किग्रा कम हो गया। इसको लेकर डॉक्टर ने चिंता जताई थी। हालांकि, तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल जब यहां लाए गए थे तब उनका वजन लगभग 65 किलो था और अब भी उनका वजन 65 किलो है। लिंक पर क्लिक कर विस्तार से पढ़िए...

इसके बाद आप नेताओं ने आरोप लगाया कि सीएम केजरीवाल का जेल में शुगर का लेवल बढ़ गया है। इसको लेकर आप नेता और कार्यकर्ताओं ने जमकर धरना प्रदर्शन किया। वे लगातार सीएम को इन्सुलिन देने की मांग कर रहे थे। 23 अप्रैल को सीएम को पहली बार जेल में इंसुलिन दी गई। इसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें 15 अप्रैल को कोर्ट पेश किया गया, जहां अदालत ने फिर 23 अप्रैल तक की हिरासत में भेज दिया। इसके बाद कोर्ट ने 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई थी। बाद में उनकी न्यायिक हिरासत को 20 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था। खबर को विस्तार से पढ़िए...

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका

वहीं, गिरफ्तारी के चुनौती देने वाली याचिका की बात करें तो केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर 23 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सीएम केजरीवाल ने अपनी याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई करने की गुहार लगाई। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड के आदेश दोनों को अवैध बताया था। लेकिन हाई कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया और सुनवाई के लिए 28 मार्च की तारीख तय की। इस दिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ईडी को मामले में 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का वक्त दिया था। ईडी ने केजरीवाल की याचिका पर जवाब दाखिल किया। जिसमें कहा कि केजरीवाल, शराब घोटाले के किंगपिन और प्रमुख साजिशकर्ता हैं।

केजरीवाल के जरिए शराब नीति घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग की गई। मनी लॉन्ड्रिंग की रकम से जुटाए गए 45 करोड़ रुपए गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किए गए। यह सभी आरोप प्रवर्तन निदेशालय के हैं। इसके बाद 3 अप्रैल को सुनवाई हुई, इस दौरान कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। इसके बाद 9 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया था। साथ ही कहा था कि ED के पास गिरफ्तारी के पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 

मामले पर 15 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की। इस एक घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि अब 30 अप्रैल को करेंगे। इस दौरान बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ASG एसवी राजू से पूछा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही क्यों गिरफ्तार किया गया। स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते।

इसके बाद कोर्ट ने 5 सवालों के जवाब के साथ 3 मई को सुनवाई की तारीख रखी, इस दिन दो घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 7 मई की तारीख तय की थी। 7 मई को बेंच बिना फैसला सुनाए उठ गई थी। बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने 8 मई को कहा था कि हम 10 मई को जमानत पर फैसला सुनाएंगे, जिस पर आज बेंच ने आदेश दे सुनाया।  

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