Crime News: दिल्ली की तिहाड़ और मंडोली जेल के बाद रोहिणी की जेल में भी जैमर लगाने की तैयारी की जा रही है। जैमर लगने के बाद जेल के अंदर इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। गिरोह सरगना या गैंगस्टर जेल में बैठकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। बता दें कि कई बार बाहर होने वाले अपराधों में जेल के अंदर बैठे गैंगस्टर का नाम सामने आया है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए रोहिणी जेल में भी जैमर लगाने का फैसला लिया गया है। कई बार तलाशी अभियान के दौरान रोहिणी जेल में कई मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
सुरक्षा के कारण लिया गया फैसला
बता दें कि तिहाड़ की तीन जेलों में चेकिंग के दौरान हर महीने लगभग 35 मोबाइल फोन बरामद किए जाते हैं। इस साल अप्रैल से 15 अक्टूबर के बीच लगभग 243 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। जैमर लगाने के बाद जेल में कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। कई मामलों की जांच में खासकर रंगदारी के मामलों में ये खुलासा हुआ कि जेल में बंद गैंगस्टर द्वारा साजिश रची गई थी। गैंगस्टर जेल में बैठकर मोबाइल के जरिए बाहर बैठे अपने गुर्गों को निर्देश देते थे और उसके बाद वारदात को अंजाम दिया जाता था।
इन मामलों को ध्यान में रखते ही दिल्ली की तिहाड़ और मंडोली जेल में पहले से ही जैमर लगा दिए गए हैं और अब रोहिणी जेल में भी जैमर लगाए जाएंगे। रोहिणी के जेल अधिकारी का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क पर रोक लगाने के लिए जेल में दो टावर लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। ये जैमर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की ओर से लगाया जाएगा।
कैदियों तक कैसे पहुंचता है मोबाइल फोन
कहा जाता है कि जेल में मोबाइल फोन पहुंचने का सबसे बड़ा जरिया जेलकर्मी हैं। कई बार जेल में मोबाइल फोन मिलने के बाद की गई जांच में इस बात का खुलासा हो चुका है कि मोबाइल फोन जेलकर्मियों द्वारा ही गैंगस्टरों तक पहुंचाया गया। इस मामले में कई जेलकर्मियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। हाल ही में एक मामला सामने आया था, जिसमें सुकेश ठग को जेल में मोबाइल फोन मुहैया कराने वाला एक जेलकर्मी ही था। कई बार कैदियों के घरवाले जेल की दीवार से फोन अंदर फेंक देते हैं। इसके अलावा कई बार कैदी पुलिसवालों को चकमा देकर अपने कपड़ों में फोन छिपाकर अंदर ले जाने में कामयाब हो जाते हैं।