Kailash Gehlot Resign: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आप मंत्री के इस फैसले से सभी हैरान हो गए हैं। किसी को अंदाजा नहीं था कि आम आदमी पार्टी का कैबिनेट मंत्री ही पार्टी छोड़ देगा। आपको जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन सच यह है कि कैलाश गहलोत ने भले ही अब पार्टी छोड़ी हो, लेकिन इसका इशारा आज से 94 दिन पहले मिल गया था। उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि आज से 3 महीने बाद इस एक फैसले का यह अंजाम होने वाला है। इसके साथ ही एक यह भी सवाल है कि अब पार्टी छोड़ने के बाद कैलाश कांग्रेस में शामिल होंगे या फिर बीजेपी में शामिल होंगे।

याद कीजिए 94 दिन पहले की वो घटना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने उन कारणों का जिक्र किया है, जिसके कारण उन्हें मजबूरन पार्टी से इस्तीफा देना पड़ रहा है। लेकिन दिल्ली की राजनीति जितनी आसान दिख रही है, उतनी है नहीं। कैलाश गहलोत पार्टी छोड़ सकते हैं, इसका इशारा 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के दिन ही मिल गया था, जब दिल्ली के एलजी ने राजधानी में झंडा फहराने के लिए केजरीवाल द्वारा नामित आतिशी के नाम के अस्वीकार कर कैलाश गहलोत का नाम आगे कर दिया था।

किस पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं कैलाश

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसको लेकर खूब राजनीति हुई थी और यह भी सवाल उठने लगे थे कि एलजी ने कैलाश गहलोत का ही नाम आगे क्यों किया, क्यों इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा है। अब जब कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, तो इसकी काफी संभावना जताई जा रही है कि कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। झंडा आंदोलन के दिन मिले इशारों के आधार पर सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हो गई है कि कैलाश गहलोत जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कैलाश गहलोत का पार्टी से यूं मुंह मोड़ना चुनाव के अंजाम को प्रभावित कर सकता है।

गहलोत ने बताया क्यों छोड़ी पार्टी

कैलाश गहलोत ने दिल्ली के पूर्व सीएम और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि वह पार्टी से इस्तीफा क्यों दे रहे हैं। कैलाश ने शीश महल से लेकर यमुना की सफाई और दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार के बीच विवादों का भी जिक्र किया है। उनका मानना है कि इस तरह हम दिल्ली की जनता के लिए काम नहीं कर पा रहे हैं। आप ने दिल्ली की जनता से कई ऐसे वादे किए थे, जिसे पूरा नहीं कर पाए हैं। ऐसे में मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। गहलोत ने यह भी साफ कर दिया है कि वह राजनीति में बने रहेंगे।

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