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Kailash Gahlot Resign: आतिशी कैबिनेट के मंत्री कैलाश गहलोत नजफगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। चलिए बताते हैं पिछले 10 वर्षों में इस सीट का चुनावी समीकरण क्या रहा है।

Kailash Gahlot Resign: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी को करारा झटका दे दिया है। गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया है। कैलाश गहलोत नजफगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह पहली बार 2015 विधानसभा चुनाव में नजफगढ़ सीट से आप के लिए लड़े और जीत हासिल की थी। इसके बाद 2020 चुनाव में भी आप ने कैलाश गहलोत को इसी सीट से टिकट दिया था, इस बार भी कैलाश ने जीत का परचम लहरा दिया। चलिए आपको नजफगढ़ विधानसभा सीट का पिछले 10 साल का समीकरण बताते हैं।

2015 विधानसभा चुनाव का समीकरण

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 के चुनाव में नजफगढ़ से जीत हासिल करने वाले आप नेता कैलाश गहलोत को 55,598 वोट मिले थे। इस चुनाव में दूसरे स्थान पर इनेलो के नेता भरत सिंह थे, जिन्हें 54,043 वोट मिले थे। दोनों के बीच वोट का अंतर सिर्फ डेढ़ हजार के करीब था। 2015 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी नेता अजीत सिंह खरखरी तीसरे स्थान पर रहे थे, उन्हें 39,462 वोट मिले थे। इसके अलावा कांग्रेस नेता जय किशन शर्मा रेस से ही बाहर थे, उन्हें सिर्फ 8,180 वोट मिले थे।

2020 के चुनाव का समीकरण

विधानसभा चुनाव 2020 में भी कैलाश गहलोत ने इस सीट से बाजी मारी, इस चुनाव में उन्हें कुल 81,507 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर बीजेपी नेता अजीत सिंह खरखरी थे, जिन्हें 75,276 वोट मिले थे। अजीत सिंह ने 2015 के चुनाव में सिर्फ 39 हजार वोट मिले थे, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने करीब दोगुने वोट हासिल किए। 2015 के ही चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस का बुरा हाल रहा। नजफगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी साहब सिंह को इस चुनाव में भी सिर्फ 2,379 वोट मिले थे।

इससे साफ है कि कैलाश गहलोत के कारण इस सीट पर आप काफी मजबूत थी,जबकि दूसरे स्थान पर बीजेपी का नंबर था। लेकिन अब तो कैलाश गहलोत ने भी पार्टी छोड़ दी, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अब आगामी चुनाव में इस सीट के लिए आम आदमी पार्टी की क्या राजनीति होती है। 

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