Lawrence Bishnoi News: एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई सुर्खियों में है। हालांकि, लॉरेंस इन दिनों गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं। इसके बाद भी उसका अपराध का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है। जब भी कोई बड़ा मामला होता है, तो उसके गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हमले की जिम्मेदारी ले लेते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर जेल में रहकर कोई इतना ताकतवर कैसे हो सकता है। पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि क्योंकि जेल के बाहर इनकी बैक बोन होती है, जो हर से गैंग की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं और इनके सभी काम मैनेज करते है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर बात लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट की बात करें तो इसकी बैक बोन दिल्ली-हरियाणा का एक शराब कारोबारी बताया जा रहा। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस कारोबारी का कोड नेम एसएम है। ये ही बिश्नोई सिंडिकेट के लिए भारत से लेकर दुबई तक सब कुछ मैनेज करता है और साबरमती जेल में लॉरेंस बिश्नोई का पूरा खर्च ये शराब कारोबारी ही उठा रहा है। बताया जा रहा है कि एसएम ही बिश्नोई का सिंडिकेट जब किसी हवाला कारोबारी,बुकी, कारोबारी या किसी और को धमकी देता है तो यही पूरे मामले में दोनों पक्षों को बैठाकर मामले को सेटल करवाता है। वहीं सिंडिकेट के पैसे को निवेश करवाने का काम भी इसी का होता है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि यह एसएम कोड वाला शराब कारोबारी वो ही है। जिसके जरिए लॉरेंस और दिनेश खंभात की मुलाकात गुजरात जेल में हुई थी और फिर सट्टा ऐप बनाने की प्लानिंग की गई थी। बताया ये भी जा रहा है कि इस शराब कारोबारी पर कई केस दर्ज है। मगर वो अपने पैसे और रसूख के दम पर बच जाता है और पुलिस उसे पकड़ नहीं पाती है। ये ही वजह है कि इस शराब कारोबारी की अब सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। हालांकि, उसके पास न पैसे की कमी है और न ही जान पहचान की। इसलिए उसे किसी का खौफ नहीं है, वो जो चाहता है, वो ही कर सकता है।
सुशील कुमार के मामले में भी रही एसएम की भूमिका
खबरों की मानें, तो बिश्नोई सिंडिकेट मैनेज करने के अलावा इस बड़े शराब कारोबारी की भूमिका रेसलर सुशील कुमार के मामले में भी रही है। कहा जा रहा है कि जब सुशील कुमार ने सागर धनकड़ मर्डर कर दिया था और वो फरार हो गया था तो एसएम ही उसकी मदद की थी। ये ही नहीं सुशील कुमार को पुलिस के सामने पेश करवाने वाला भी यही व्यापारी था। हालांकि, इसका पूरा नाम क्या है और ये कहां रहता है। इसके बारे में पुलिस के सूत्र कुछ बोलना नहीं चाहते हैं।