Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में मनीष सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने अपनी दलीलें दीं। इसके बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ED की दलीलों की सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तारीख तय की है।
ईडी की दलीलों पर 6 अप्रैल को होगी सुनवाई
आप नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर जल्द सुनवाई करने की मांग की थी। इसको लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को मनीष सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील मोहित माथुर की दलीलें सुनीं। कोर्ट ने सिसोदिया के वकील की दलीलों पर सुनवाई करने के बाद ईडी को दलीलों की पर सुनवाई करने के लिए 6 अप्रैल की तारीख तय की है।
Delhi Excise policy case | Rouse Avenue Court lists for April 6, the hearing of arguments of the ED on the bail plea of AAP leader Manish Sisodia.
— ANI (@ANI) April 2, 2024
The court has heard the arguments for Manish Sisodia, by senior advocate Mohit Mathur.
सुप्रीम कोर्ट से भी लगा था झटका
इससे पहले मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को उनकी क्यूरेटिव याचिका की सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने इनकार कर दिया था। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत देने से इनकार करने वाले 2023 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका में जमानत का कोई आधार नहीं दिखाई देता। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दे सकते।
कब से जेल में बंद हैं सिसोदिया
बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब घोटाले मामले में एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। इस दौरान ही ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद उन्हें 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया। तब से वह जेल में ही हैं। दिल्ली शराब घोटाले मामले में ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसी जांच कर रही है। सिसोदिया ने अपनी जमानत के लिए ने कई बार याचिका दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की, लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो जाती है।