Delhi Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ ही समय बाकी है। राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सबकी निगाहें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर टिकी रहती है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। दोनों पार्टियों के बीच 3:4 का सीट शेयरिंग भी चुका है। आप अपनी चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। अब कांग्रेस को अपनी तीन सीट पर उम्मीदवार का ऐलान करना है। कांग्रेस के पास दिल्ली में चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट है। ऐसे में दिल्ली की एक सीट चांदनी चौक से अलका लांबा दौड़ में सबसे आगे चल रही हैं और पूरा पक्का भी माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें अपना उम्मीदवार बनाएगी। अलका लांबा का नाम पक्का क्यों माना जा रहा है चलिए आपको बताते हैं।

चांदनी चौक सीट पर कौन-कौन दावेदार

चांदनी चौक लोकसभा सीट पर तीन नाम चर्चा में हैं। इसमें जयप्रकाश अग्रवाल, अलका लांबा और हारून यूसुफ का नाम शामिल है, लेकिन अलका लांबा का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है, क्योंकि राजधानी दिल्ली में गठबंधन की एक मात्र महिला उम्मीदवार हैं। जिनका नाम चुनावी रेस में है। अलका लांबा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं और पूर्व विधायक भी रही हैं। इसके अलावा किसी भी सीट पर महिला उम्मीदवार की कोई चर्चा नहीं है। बीजेपी ने भी नई दिल्ली सीट पर बांसुरी स्वराज को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में अगर दिल्ली में गठबंधन की ओर एक भी महिला को टिकट नहीं दिया गया तो कांग्रेस और आप के महिला सशक्तिकरण के दावों पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे।

- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा दिया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दी थी और कहा गया था कि हमारी प्रतिज्ञा है, महिलाएं उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह भागीदार हों।

- आम आदमी पार्टी भी महिलाओं के सम्मान और हक के लिए तमाम तरह की बात करती रही है। आप सरकार ने चुनाव से पहले दिल्ली बजट में महिला सम्मान निधि के लिए बालिग महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की। केजरीवाल सरकार ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम भी बताया है।

- अलका लांबा के नाम मुहर लगने का एक सबसे बड़ा दावा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि जयप्रकाश अग्रवाल ने भी चुनाव को लेकर हामी नहीं दी है। जयप्रकाश अग्रवाल कांग्रेस की टिकट से चांदनी चौक सीट पर पहले सांसद रह चुके हैं और पार्टी में पुराने औ वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से पार्टी की पहली प्राथमिकता जयप्रकाश अग्रवाल ही हैं, लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर उनकी हामी नहीं होने के चलते अलका लांबा का नाम आगे है।

- इसके अलावा चांदनी चौक सीट पर पूर्व मंत्री हारून यूसुफ का नाम भी चर्चा में है। हारून यूसुफ ने शीला दीक्षित की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की दिल्ली सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग और उद्योग विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

दो सीट पर ये दावेदार

उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को टिकट दे सकती है। वहीं, इस सीट पर अनिल चौधरी के नाम की भी चर्चा है। अनिल चौधरी पहले दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, जबकि उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से उदित राज का नाम रेस में है। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।

इन तीन सीट पर कांग्रेस लड़ेगी चुनाव

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही। दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच पहले ही सीट शेयरिंग हो चुकी, जिसमें दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। आम आदमी पार्टी अपने चारों उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पहले ही कर चुकी है। बीजेपी ने भी दिल्ली में अपने 7 में से 5 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। अब सबकी निगाहें सिर्फ कांग्रेस की ओर टिकी है। कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशियों का ऐलान करना है।

चांदनी चौक से बीजेपी ने इन्हें बनाया उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार चांदनी चौक लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की जगह प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया है। बीजेपी ने प्रवीण को डॉ. हर्षवर्धन का टिकट काटकर चुनावी मैदान में उतारा है। प्रवीण खंडेलवाल एक व्यापारी नेता हैं। प्रवीण खंडेलवाल कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव हैं। यह भारत के व्यापारियों और एसएमई क्षेत्र का सबसे बड़ा निकाय है।