Manmohan Singh Death: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विद्वान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बीती रात दिल्ली की एम्स में अंतिम सांस ली। उनकी मौत ने राजनेताओं को ही नहीं बल्कि पूरे देश को शोक में डाल दिया है। उनके प्रशंसक उनकी मौत से सकते में हैं। देश-विदेश के लोग उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। डॉ. मनमोहन सिंह न सिर्फ पीएम बल्कि भारत में आर्थिक सुधारों के रचयिता भी रहे। वे एक होनहार शख्सियत के रूप में याद किए जाएंगे। उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा।
मनमोहन सिंह की शिक्षा
अगर शिक्षा की बात करें तो मनमोहन सिंह स्कॉलर स्टूडेंट रहे। उनकी शुरुआती पढ़ाई पंजाब से हुई। उन्होंने 1948 में हाईस्कूल और 1950 में प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट किया। इसके बाद 1952 में पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से उन्होंने अर्थ शास्त्र में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने 1954 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिविर्सटी के नफील्ड कॉलेज से डी फिल की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद भी वे जाने माने एजुकेशनिस्ट रहे। उन्होंने अपने पढ़ने और पढ़ाने के सिलसिले को कभी नहीं रुकने दिया।
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दिल्ली यूनिवर्सिटी से नाता
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पंजाब यूनिवर्सिटी में बतौर लेक्चचर की थी। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में उनका सेलेक्शन हो गया। डॉ. सिंह ने 1969 से 1971 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाया। वे छात्रों के बीच एक चहेते प्रोफेसर थे। वे क्लास लेने के बाद घंटों लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ा करते थे। दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स के कैफेटेरिया में वे अपने साथी प्रोफेसर्स के साथ बैठकर चर्चा किया करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने 1991 में कुछ समय के लिए विश्वविद्यालय अनुदायन आयोग यानी यूजीसी के अध्यक्ष का पद भी संभाला था।
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10 साल प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह
1950 के दशक से ही उनका सरकार के साथ तालमेल शुरू हो गया था। उस समय वे इकोनॉमिक मामलों में शोधकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। वे 1971 में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किए गए। इसके बाद वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष बने और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे। वे 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक देश के वित्तमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक उदारीकरण संबंधी नीतियां बनाई। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ। इसके बाद वे 2004 से 2014 के बीच दो बार प्रधानमंत्री रहे।
व्हील चेयर पर सदन पहुंचे थे डॉ. सिंह
07 अगस्त 2023 को वे व्हील चेयर पर सदन पहुंचे थे। इस दौरान 'दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023' की मंजूरी दी गई थी। विपक्षी दल ने इस विधेयक पर उनसे वोटिंग की मांग की। बीमारी में भी वे व्हील चेयर पर सदन पहुंचे और अपना दायित्व निभाया। उनके इस कदम के लिए पीएम मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी।
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