Delhi Property Geo Tagging: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जियो टैगिंग के लिए रविवार यानी आज आखिरी दिन है। अभी तक 3.10 संपत्तियां ही टैग हो पाई हैं। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने करीब तीन बार इसकी आखिरी तारीख बढ़ाई है। पहले 31 जनवरी, 29 फरवरी और फिर 31 मार्च जियो टैग करने के लिए आखिरी तारीख तय हुई थी। दिसंबर महीने में जियो टैगिंग का काम शुरू किया गया था। इस फैसले के आने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि एमसीडी की ओर से इसकी तारीख फिर से बढ़ाई जाएगी। 

संपत्तियों की जियो टैगिंग करना बेहद जरूरी 

राजधानी दिल्ली में संपत्तियों की जियो टैगिंग होना बेहद जरूरी है। अगर संपत्तियों की जियो टैगिंग नहीं होती हैं, तो 30 जून से इन्हें संपत्ति कर में मिलने वाली 10 फीसदी की छूट नहीं दी जाएगी। संपत्ति मालिक खुद से आसानी से अपनी यूनिक आईडी या प्रॉपटी नंबर के जरिए संपत्तियों की जियो टैगिंग कर सकते हैं। 

एमसीडी ने लोगों से संपत्तियों जियो टैगिंग कराने की अपील 

एमसीडी के लिए संपत्ति कर आय का प्रमुख साधन है। जियो टैगिंग के बाद इस साल ज्यादा से ज्यादा संपत्तियों से करीब दोगुना कर जमा कराने की तैयारी की है। अधिकारियों का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार कम होगा और पारदर्शिता आएगी। उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस साल 2 हजार करोड़ रुपये ज्यादा संपत्ति कर जमा हो पाएगा। लेकिन, जियो टैगिंग की प्रक्रिया जिस तरह से धीमी चल रही है, उससे लग रहा है कि एमसीडी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगी। फिलहाल, निगम ने लोगों से भी खुद से अपनी संपत्तियों को जियो टैग करने की अपील की है।

फिर से बढ़ेगी जियो टैंगिंग की तारीख 

दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में जियो टैगिंग शुरू हुई। पहले 50 दिन में 15 लाख संपत्तियों की टैगिंग होनी थी। पहल चार लाख व्यावसायिक संपत्तियां जियो टैग करने की योजना थी, लेकिन करीब चार महीने बाद तीन लाख 10 हजार संपत्तियों की टैगिंग हो पाई। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि लक्ष्य के मुताबिक टैंगिंग नहीं हुई और तारीख फिर से बढ़ सकती है। अब कल यानी सोमवा को इस पर फैसला आएगा।