Hakim Ajmal Khan Death Anniversary: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हकीम अजमल खान की आज पुण्यतिथि है। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। हकीम अजमल खान राष्ट्रीय विचारधारा के समर्थक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के फेमस चिकित्सक थे। इन्होंने ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दिल्ली के दर्शन भी कराए थे। हकीम अजमल खान अपने समय के सबसे चतुर और बहुमुखी व्यक्तित्व के रूप में प्रसिद्ध हुए। आइए जानतें हैं हकीम अजमल खान के कुछ अनसुने किस्से।
हकीम अजमल खान कौन हैं
हकीम अजमल खान का जन्म 11 फरवरी, 1868 को दिल्ली में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव के विकास और मुसलमानों के बीच आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के सामान्य उद्देश्य को हासिल करने के लिए किसी भी तरह का बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। हकीम अजमल खान एक प्रख्यात भारतीय यूनानी चिकित्सक थे, जो एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी, एक महान विद्वान, एक समाज सुधारक, एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, एक यूनानी चिकित्सा शिक्षाविद् और यूनानी चिकित्सा प्रणाली में वैज्ञानिक अनुसंधान के संस्थापक थे।
1916 में जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच तनाव बढ़ गया, तो उन्होंने लखनऊ समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दोनों संगठनों के बीच विवाद को खत्म कर दिया था। 1917 में मुस्लिम लीग छोड़ने के बाद, उनकी महात्मा गांधी से गहरी दोस्ती हो गई, जिसने उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। वह दिसंबर 1918 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिल्ली सत्र के लिए स्वागत समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने खिलाफत या असहयोग आंदोलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
On his death anniversary, we remember former Congress President, Hakim Ajmal Khan. A renowned physician of Unani medicine, he founded the Ayurvedic and Unani Tibia College, Delhi. He was also a co-founder of Jamia Millia Islamia and served as its first Chancellor. pic.twitter.com/eEtk5uWzCF
— Congress (@INCIndia) December 29, 2023
हकीम अजमल खान ने ठुकराई उपाधियां
हकीम अजमल खान ने ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई कई उपाधियों को भी ठुकरा दिया था। इनमें कैसर-ए-हिंद और हाज़िकुल-मुल्क शामिल हैं। वह खिलाफत समस्या पर चर्चा के लिए वायसराय के साथ बैठक करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। 1921 में उन्होंने अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सत्र की अध्यक्षता भी की है। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक अजमल खान को 22 नवंबर 1920 को इसका पहला चांसलर चुना गया था। हकीम अजमल खान ने जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महात्मा गांधी को कराए थे दिल्ली दर्शन
हकीम अजमल खान ने महात्मा गांधी को सबसे पहले दिल्ली दर्शन कराए थे। गांधी जी जब दिल्ली में पहली बार आए तो हकीम साहब की लाल कुआं में मौजूद हवेली शरीफ मंजिल पहुंचे थे। यह घटनाक्रम 13 अप्रैल 1915 का है। 14 अप्रैल को हकीम साहब, गांधी जी और कस्तूरबा गांधी को दिल्ली दर्शन के लिए लाल किला और कुतुब मीनार लेकर गए थे। उन्होंने ही यहां बापू के लिए वैष्णों भोजन का इंतजाम किया था।