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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुए भीषण हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई और 20 से 25 लोग घायल हो गए। इस भगदड़ के पीछे रेलवे की लापरवाही उजागर हुई है।

New Delhi Railway Station stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भीषण भगदड़ के बाद रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं। रेलवे ने प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई नए उपाय किए हैं।

रेलवे का देर से आया फैसला, पहले होती कार्रवाई तो बच सकती थीं जानें

हादसे के बाद रेलवे ने भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं, लेकिन यह व्यवस्था पहले लागू की गई होती तो शायद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं जाती। रेलवे प्रशासन की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण यह भी है कि प्रयागराज के लिए 8,500 अनारक्षित टिकट बिकने के बावजूद स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई गई, जिसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी कर रही है।

अनारक्षित यात्रियों के लिए अलग प्रवेश और निकास व्यवस्था

छठ महापर्व और महाकुंभ के मद्देनजर रेलवे प्रशासन ने अब अनारक्षित यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। प्लेटफार्म नंबर 16 से कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही अनारक्षित यात्रियों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए आरपीएफ और पैरामिलिट्री के जवानों को भी तैनात किया गया है। आरक्षित टिकट वाले यात्रियों के लिए अन्य गेट से प्रवेश दिया जा रहा है।

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यात्रियों के आराम के लिए पंडाल की व्यवस्था

यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने अजमेरी गेट मेट्रो स्टेशन के पास एक पंडाल बनाया है, जहां वे आराम कर सकते हैं, टिकट ले सकते हैं और ट्रेनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह व्यवस्था भी पहले की जाती तो स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ नहीं होती। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दिल्ली पुलिस और आरपीएफ की मदद से बैरिकेडिंग की गई है, जिससे केवल निर्धारित संख्या में ही यात्रियों को स्टेशन पर प्रवेश मिल सके। स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर भीड़ न बढ़े, इसके लिए आरपीएफ और पैरामिलिट्री के जवानों को तैनात किया गया है।

प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर आंशिक रोक

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर रोक लगा दी गई है, ताकि अनावश्यक भीड़ न बढ़े। बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों की सहायता के लिए आने वाले व्यक्ति को ही प्लेटफॉर्म टिकट दिया जाएगा। यह व्यवस्था एक सप्ताह के लिए लागू की गई है और आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

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हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित

हादसे के बाद रेलवे की उच्च स्तरीय टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जिस दिन भगदड़ मची, उस दिन सुबह केवल एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी। शाम को प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने के बावजूद अतिरिक्त ट्रेनें नहीं चलाई गईं। सवाल यह उठता है कि हादसे के बाद चार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया, लेकिन अगर ये ट्रेनें पहले चलाई गई होती तो इतनी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता था।

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