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BSP Candidate Rajkumar Anand: दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद ने 5 मई को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। उनका आरोप है कि सीएम केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद भी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है।

आम आदमी पार्टी का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी जॉइन करने वाले राजकुमार आनंद का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। राजकुमार आनंद का आरोप है कि पहले अरविंद केजरीवाल के जेल में बंद होने का हवाला देकर इस्तीफा मंजूर होने में असमर्थता जताई थी, लेकिन सीएम के जेल से बाहर आने के चार दिन बाद भी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा। ऐसे में उन्होंने एलजी विनय सक्सेना को पूरे मामले से अवगत कराया है।

दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने मई के शुरुआती सप्ताह में इस्तीफा देकर बसपा जॉइन कर ली थी। पहले बताया गया कि सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, लिहाजा इस्तीफे पर हस्ताक्षर नहीं हो सकते हैं। चार दिन पहले सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आए तो दोबारा से इस्तीफा भेजा गया। उन्होंने कहा कि सीएम ने इस्तीफा तो ले लिया, लेकिन हस्ताक्षर पर कुछ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि यह ताजा इस्तीफा रविवार को भेजा था, लेकिन मंजूरी नहीं किया जा रहा। ऐसे में एलजी विनय सक्सेना को पूरे मामले से अवगत कराया है ताकि इस पर आगे की प्रक्रिया हो सके।

यह राजकुमार आनंद को परेशान करने का कदम?

अब सवाल उठ रहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल भी राजकुमार आनंद को परेशान करने में जुट गए हैं। दरअसल, राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने उन पर हमला बोला था। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा था कि राजकुमार आनंद डर गए हैं। उन्होंने राजकुमार आनंद को हाथी की सूंड में कमल की संज्ञा दी थी। उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा था कि बसपा अब बीजेपी बन चुकी है। बीजेपी ही बीएसपी के टिकट बांट रही है। नया चुनाव निशान 'हाथी की सूंड में कमल का फूल है।' ऐसे में चर्चा होना लाजमी है कि क्या आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं की तरह अरविंद केजरीवाल भी राजकुमार आनंद को परेशान करने में शामिल हैं।

इस वजह से तो नहीं कर रहे इस्तीफे पर हस्ताक्षर

सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए सशर्त अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीएम केजरीवाल किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही सचिवालय जा सकते हैं। ऐसे में राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर आप सुप्रीमो की मंजूरी न मिलने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजकुमार आनंद को अब एलजी से उम्मीद है कि वे इस मामले को सुलझाएंगे।

नई दिल्ली से प्रत्याशी हैं राजकुमार आनंद

पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद ने 5 मई को इस्तीफा देकर बीएसपी जॉइन कर ली थी। बसपा ने उन्हें नई दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बीजेपी से बांसुरी स्वराज और आम आदमी पार्टी से सोमनाथ भारती चुनाव मैदान में हैं।

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