NDLS Stampede Case in Delhi High Court: 15 फरवरी, शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ हादसे में 18 लोगों की जान चली गई। अब ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर याचिका दायर की गई। इस याचिका में भगदड़ को लेकर कुछ मुद्दे उठाए गए। इस मामले में न्यायाधीश डी.के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले से जुड़े संबंधित अधिकारियों को हलफनामे में दायर किए गए मुद्दों की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को निर्धानित की गई है।

रेलवे स्टेशन भगदड़ मामले में उच्चतम स्तर पर जांच के आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को सॉलिसिटर जनरल के सुझावों और याचिका में उठाए गए मुद्दों की रेलवे बोर्ड के उच्चतम स्तर पर जांच कराने के आदेश दिए हैं। जांच के बाद प्रतिवादी की तरफ से एक हलफनामा दायर किया जाए, जिसमें रेलवे बोर्ड ने इस हादसे के बाद क्या निर्णय लिए हैं, इसकी डिटेल दी जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भगदड़ मामले को लेकर कहा कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया गया। भारतीय रेलवे भी कानून का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिलाया कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा। 

9600 से ज्यादा बेचे गए टिकट

दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर रेलवे अपने नियमों और प्रावधानों का अनुपालन करता, तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था और 18 लोगों की जान जाने से बच सकती थी। नियमों का पालन करके बहुत सी चीजों को रोका जा सकता था। घटना के दिन 9600 से ज्यादा अनारक्षित टिकट बेचे गए, ऐसा क्यों किया गया? 

केवल भगदड़ तक सीमित नहीं याचिका

अदालत ने इस याचिका के बारे में बताते हुए कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर दायर की गई याचिका केवल भगदड़ तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस याचिका में एक डिब्बे में यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री के संबंध में प्रावधानों को लागू करने की मांग की गई है।

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