JNU Professor Cheated: दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के एक प्रोफेसर से ठगी करने वाले जालसाज को झारखंड से अरेस्ट किया है। आरोपी 18 वर्षीय रियाज अंसारी अपने भाई के साथ मिलकर ठगी करता था। इसके पास से छह मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड और बैंक से सम्बंधित जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं। जामताड़ा झारखंड से ठगी का धंधा ऑपरेट किया जा रहा था। एनसीआरपी पोर्टल पर इस मामले से जुड़ी 13 अन्य शिकायतें लिंक मिली हैं। कथित बैंक खातों से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी का पता चला है।
डीसीपी साउथ वेस्ट रोहित मीना के अनुसार, रियाज अंसारी पिछले साल 21 अक्टूबर को वसंत कुंज निवासी उदयनाथ साहू के साथ ठगी में शामिल था। पीड़ित जेएनयू में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी फ्लाइट की टिकट रद्द कराने के बाद रिफंड के लिए एयर एशिया का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च किया था।
एक साइट पर उन्हें नंबर मिल गया। वहां कॉल करने पर एक शख्स ने फोन रिसीव किया। उसने खुद को ग्राहक सेवा का प्रतिनिधि बताया। उनकी मदद का नाटक कर जालसाज ने पीड़ित से एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा। उन्हें भेजे गए फिशिंग लिंक पर अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए भी बोला गया। फिशिंग लिंक एसबीआई खाते का विवरण देने वाला परफॉर्मा था।
जालसाज ने ठगे 7 से अधिक रुपये
जालसाज ने उन्हें रकम वापस करने का भरोसा दिया। इस बीच पीड़ित द्वारा बैंक विवरण दर्ज करने के बाद जैसे ही जालसाज ने उनके नेट बैंकिंग में लॉग इन किया, तभी उनके बैंक अकाउंट से 7,32,510 रुपये कट गए। इस बाबत मिली शिकायत पर पुलिस ने साइबर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया।
पुलिस की जांच मनी ट्रेल पर केंद्रित हुई। मनी ट्रेल में कथित लेनदेन के लाभार्थी विवरण हासिल किए गए। पता चला कि पांच लाख रुपये कोलकाता, मुंबई, लुधियाना पंजाब और वाराणसी के चार खातों में ट्रांसफर किए गए थे। सभी बैंक खातों को वेरीफाई किया गया। उन्हें जालसाजों द्वारा कहीं ओर से संचालित किया जा रहा था।
झारखंड से दबोचा
टेक्निकल सर्विलांस और सीडीआर का विश्लेषण करने के बाद पुलिस की तफ्तीश जामताड़ा झारखंड में केंद्रित हुई। इसके बाद आरोपी रियाज को बरियारपुर गांव से दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि वह अपने भाई मुख्तार के साथ ग्राहक सेवा के बहाने साइबर धोखाधड़ी करता था। अब पुलिस को मामले में उसके भाई की तलाश है।