Delhi Election 2025 Explainer: दिल्ली में विधानसभा चुनाव काफी नजदीक आ गया है और सभी राजनीतिक दल भी चुनावी जंग के लिए तैयार हो गए हैं। दिल्ली में भले ही झुग्गी-क्लस्टर के लोगों का जीवन नहीं बदल रहा है, लेकिन वे दिल्ली की सत्ता को बदलने की ताकत रखते हैं। चुनावी आंकड़ों के मुताबिक, जिस भी पार्टी को झुग्गीवालों का एकतरफा वोट जाता है, वह दल आसानी से दिल्ली में अपनी सरकार बनाने में सफल हो जाती है। चुनाव को करीब देखते हुए सभी राजनीतिक दल इन वोटरों को अपनी ओर लुभाने में लगे हुए हैं। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस अपने अलग-अलग तरीकों के जरिए झुग्गियों के वोटरों को साधने में लगे हुए हैं।

नुक्कड़ सभाएं करने में जुटी है 'आप'

पिछले दो विधानसभा चुनाव में देखा गया है कि आम आदमी पार्टी को झुग्गी के लोगों का एकतरफा समर्थन मिला है, जिससे पार्टी ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई है। केजरीवाल ने इन वोटरों को दूसरी पार्टी की ओर जाने से रोकने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी के कार्यकर्ता झुग्गी बस्तियों में जाकर उनके बीच बैठक कर रहे हैं और आप सरकार की नीतियों और मुफ्त योजनाओं से अवगत करा रहे हैं। इसके अलावा नेताओं की ओर से नुक्कड़ सभाएं भी आयोजित की जा रही हैं। पार्टी के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया अपने विधानसभा जंगपुरा की बस्तियों में जाकर लोगों के साथ समय बिता रहे हैं। इतना ही नहीं पार्टी के अन्य सभी उम्मीदवार भी लगातार झुग्गियों में लोगों के बीच घर में जा रहे हैं।

झुग्गी वोटरों के लिए बीजेपी की खास रणनीति

दिल्ली में कई सालों से सत्ता से दूर रहने के बाद इस बार बीजेपी ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी हैं। शहरी वोटरों के साथ-साथ पार्टी की नजर झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर भी बनी हुई है। बीजेपी बीते दो महीनों से झुग्गी वोटरों को अपने साथ जोड़ने के लिए अभियान चला रही है। पार्टी के बड़े नेता जाकर वहां पर रात्रि प्रवास कर रहे हैं। इसके अलावा झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए पार्टी की तरफ से स्वास्थ्य जांच शिविर और रोजगार मेले जैसे आयोजन कराए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते ही झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 1675 परिवारों को फ्लैट दिए हैं।

इसके बाद अब पार्टी झुग्गीवासियों के साथ संवाद भी करेगी। 11 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह झुग्गी बस्तियों के प्रधानों के साथ बैठक करेंगे। जानकारी के मुताबिक, यह बैठक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित की जाएगी, जिसमें करीब 3,000 झुग्गी बस्तियों के प्रधान हिस्सा लेंगे। इस बैठक में अमित शाह झुग्गीवासियों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में बताएंगे।

अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश में कांग्रेस

एक समय में दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों का पूरा समर्थन कांग्रेस के पास जाता था, लेकिन बीते 10 सालों में पार्टी ने अपना जनाधार खो दिया है। केजरीवाल के आने के बाद से ही कांग्रेस को समर्थन देने वाले झुग्गीवासी आम आदमी पार्टी की ओर चले गए। इसका नतीजा 2020 के चुनाव में देखने को मिला, जब कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। इस बार चुनाव में पार्टी एक बार फिर झुग्गीवासियों को अपने साथ जोड़ने में लगी हुई है।

इसके लिए पार्टी की ओर से झुग्गी बस्तियों में बैठक करके प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी के संगठन के लोग झुग्गियों के प्रधानों के साथ भी बैठक कर रहे हैं। इसमें कांग्रेस अपने 15 साल के कार्यकाल में किए गए काम का हवाला दे रही है, जिसमें झुग्गी क्लस्टरों के लिए अलग से मकान और आवास देने की योजनाएं शामिल हैं। दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली में न्याय यात्रा के दौरान लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश भी की है।

दिल्ली में 750 झुग्गियां मौजूद

मौजूदा समय में दिल्ली में करीब 750 झुग्गियां हैं, जिसमें 30 लाख से ज्यादा आबादी रहती है। इसमें ज्यादातर वोट केजरीवाल की पार्टी को जाता है। लेकिन इस बार बीजेपी आप के इस बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली में बीजेपी 1998 से चुनाव हार रही है। वहीं दूसरी ओर आप सरकार के आने से कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया है, जिसे वापस पाने की कोशिश पार्टी की ओर से की जा रही है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होने वाले हैं और 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे भी सामने आ जाएंगे।

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