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Noida Porn Scandal: नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी करके पोर्न कांड का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पति-पत्नी मिलकर अश्लील वीडियो का धंधा कर रहे थे। इस धंधे को जारी रखने के लिए सोशल मीडिया की सहायता से मॉडल्स को बुलाते थे। मॉडल्स की अश्लील वीडियो बनाकर वह विदेशी कंपनियों को बेचते थे। इसके बदले में दंपत्ति को मोटी रकम मिलती थी। आरोपी इस रकम का 25 फीसद हिस्सा मॉडल्स को देते थे।

ईडी ने किस बंगले पर की छापेमारी ?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 22 करोड़ रुपये के फॉरेन फंडिंग के मामले में 28 मार्च शुक्रवार को नोएडा सेक्टर 105 के C-234 बंगले पर रेड की थी। ईडी की टीम ने जब छापा मारा तो वहां मॉडल्स का अश्लील वीडियो बनाया जा रहा था, यह देखकर टीम दंग रह गई। मौके पर ही ईडी ने इस मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है। इसके अलावा टीम ने 8 लाख रुपये कैश बरामद किए।

अश्लील कंटेंट होस्ट करने वाली कंपनी के साथ की डील

ईडी ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो सामने आया कि उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ने मिलकर ‘सब-डिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की कंपनी बनाई थी। उज्जवल किशोर कंपनी का डायरेक्टर है। उसकी पत्नी नीलू उसकी इस काम में मदद करती थी। आरोपियों ने बताया कि नीलू और उज्जवल सभी को बताते थे कि वह कंपनी विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और पब्लिक ओपिनियन पोल का काम करती है।

सब-डिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने साइप्रस की एक कंपनी ‘टेक्नियस लिमिटेड’ के साथ डील साइन किया था। ‘टेक्नियस लिमिटेड’ एक होस्टिंग कंपनी है जो अश्लील कंटेंट वाले बड़े वेबसाइट को होस्ट करती है। इसी के माध्यम से सब-डिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड अपना कंटेंट ‘टेक्नियस लिमिटेड’ को भेजती और टेक्नियस लिमिटेड उन कंटेंट्स को बड़े वेबसाइट पर अपलोड करता था।

सोशल मीडिया के जरिये मॉडल को बुलाते थे

सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक और ‘X’ पर मॉडलिंग के विज्ञापन दिए जाते थे। विज्ञापन के आधार पर मॉडल को बुलाया जाता था। इसके बाद  लाइव कैमरे पर मॉडल की अश्लील वीडियो शूट किए जाते थे। उसे विदेश की कंपनी को भेजा जाता था। कमाई का 25% हिस्सा मॉडल को मिलता था। आरोपी अब तक 500 मॉडल्स को हायर कर चुके हैं। 

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मुख्य आरोपी पहले सिंडिकेट का हिस्सा था 

फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, 1999 (FEMA) के नियमों के उल्लंघन के तहत ईडी ने जांच शुरू की। जांच के दौरान, सबडिजी कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के बैंकों में विदेशों से 15.66 करोड़ रुपये देने की सूचना मिली इसके अलावा, नीदरलैंड में भी एक खाते का पता चला, जिससे 7 करोड़ रुपये भेजे गए थे। यह राशि इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स के जरिये भारत में नकद निकाली जा चुकी है। ऐसे करते हुए आरोपियों ने अब तक
करीब 22 करोड़ रुपये कमा लिए हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि मुख्य आरोपी पहले रूस में इसी तरह के एक सिंडिकेट का हिस्सा रह चुका था। बाद में, वह भारत आया और अपनी पत्नी के साथ मिलकर पोर्नोग्राफी रैकेट की शुरुआत की। दंपत्ति पिछले 5 सालों से यह धंधा कर रहा है। ईडी की टीम आरोपियों से पूछताछ में लगी हुई है, ताकि इसमें शामिल अन्य आरोपियों का भी पता लगाया जा सके। 

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