Punjabi voters in Delhi Elections: दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच मतदाताओं को लुभाने की जंग तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य दल अपने-अपने वादों और घोषणाओं के साथ मैदान में हैं। राजधानी में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां विशेष समुदाय के मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इनमें से सबसे अहम हैं पंजाबी मतदाताओं का प्रभाव, जो दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 8 पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
पंजाबी मतदाताओं का प्रभाव और प्रमुख सीटें
आजादी के बाद से दिल्ली में पंजाबी समुदाय का खासा दबदबा रहा है। हालांकि समय के साथ उनकी संख्या में कमी आई है, लेकिन आज भी तिलक नगर, राजौरी गार्डन, जनकपुरी, हरीनगर और मोती नगर जैसी सीटें उनके प्रभाव में हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पंजाबी समुदाय के मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं का 18 फीसदी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रभावित सीटें और प्रत्याशी
क्र. संख्या | विधानसभा सीट | AAP उम्मीदवार | BJP उम्मीदवार | कांग्रेस उम्मीदवार |
1. | तिलक नगर | जरनैल सिंह | श्वेता सैनी | पीएस बावा |
2. | राजौरी गार्डन | धनवती चंदेला | मनजिंदर सिंह सिरसा | धर्मपाल चंदेला |
3. | मोती नगर | शिवचरण गोयल | हरीश खुराना | राजेंद्र नामधारी |
4. | जनकपुरी | प्रवीण कुमार | आशीष सूद | हरबानी कौर |
5. | हरीनगर | सुरेंद्र सेतिया | श्याम शर्मा | प्रेम शर्मा |
6 . | कृष्णा नगर | विकास बग्गा | अनिल गोयल | गुरुचरण सिंह |
7. | करोल बाग | विशेष रवि | दुष्यंत गौतम | राहुल धनक |
9. | जंगपुरा | मनीष सिसोदिया | तरविंदर सिंह | फरहाद सूरी |
राजनीतिक दलों की रणनीति
पंजाबी समुदाय के इस प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव प्रचार को इन सीटों पर केंद्रित कर दिया है।
आम आदमी पार्टी (AAP)
आम आदमी पार्टी पिछले कुछ चुनावों में इन सीटों पर लगातार जीत दर्ज करती रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाबी मतदाताओं के समर्थन को बनाए रखने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इस बार भी पार्टी ने पंजाबी समुदाय के नेताओं को प्रमुखता से टिकट दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद दिल्ली में प्रचार कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
भाजपा ने पंजाबी समुदाय के प्रभाव को भुनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस बार राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा और मोती नगर से मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को टिकट देकर यह साफ कर दिया है कि पार्टी पंजाबी वोटरों को साधने की हरसंभव कोशिश कर रही है।
कांग्रेस
कभी पंजाबी वोटरों का पसंदीदा दल रही कांग्रेस अब अपनी खोई हुई पकड़ को वापस पाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने इन सीटों पर पुराने चेहरों को मैदान में उतारकर वापसी की उम्मीद जताई है।
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पंजाबी वोटरों का ऐतिहासिक झुकाव
पहले पंजाबी मतदाता अकाली दल और कांग्रेस के साथ खड़े नजर आते थे। शीला दीक्षित के समय में कांग्रेस के पास बड़ी संख्या में पंजाबी वोटर हुआ करते थे। लेकिन 2015 के बाद से आम आदमी पार्टी ने इस समुदाय पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली। ईटीवी भारत के मुताबिक, राज खुराना, राजनीति विश्लेषक का मानना है कि इस बार भी आम आदमी पार्टी के पास इन सीटों पर बढ़त हो सकती है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस की कोशिशें भी जोरदार हैं। उनके अनुसार, पंजाबी मतदाताओं की निर्णायक भूमिका इस बार भी बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन 8 सीटों पर कौन सी पार्टी अपना परचम लहराती है।