Rat Miner Vakil Hasan: उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाने वाले दिल्ली के हिरो रैट माइनर वकील हसन के घर को 28 फरवरी को डीडीए ने अवैध बताकर जमींदोज कर दिया। रैट माइनर वकील हसन ने घर गिरने के बाद अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर दूसरी रात गुजारी। खबर को सुर्खियों में आने के बाद डीडीए ने वकील हसन को नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने की पेशकश की। लेकिन, सिल्क्यारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में शामिल इस हीरो ने डीडीए की पेशकश को ठुकरा दिया।

सरकार से मिल रहा आश्वासन

वकील हसन ने मीडिया से बातचीत में आज शुक्रवार को कहा कि 'मैं और मेरा परिवार खुले में रात गुजार रहे हैं। कुछ स्थानीय लोग हमें भोजन और पानी आदि मुहैया करा रहे हैं। हमने अब रात को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार की ओर से हमें कोई मदद नहीं मिली है। हम इस जगह से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है। 

क्या बोला डीडीए

बता दें कि वकील हसन के घर को जमींदोज करने के बाद डीडीए ने कहा कि इस बात की जानकारी नहीं थी कि ये रैट माइनर वकील हसन का घर है। डीडीए ने कहा कि जब इस बात की जानकारी हुई कि वकील हसन ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में अहम भूमिका निभाई थी, तो उन्हें डीडीए की ओर से आश्रय की वैकल्पिक व्यवस्था की थी, लेकिन वकील ने उसके लिए मना कर दिया। वह वहीं पर पक्का घर देने की मांग कर रहे हैं। देर रात अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश में कर रहे थे, लेकिन वे नहीं माने।

एलजी और मनोज तिवारी बोले- मिलेगा नया घर 

वहीं, डीडीए की इस कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और एआईएमआईएम समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने बीजेपी पर हमला बोला था। दिल्ली के एलजी ने कहा था कि अगर रैट माइनर के घर पर बुलडोजर चला है तो उन्हें नया घर बनवाकर दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी बयान देते हुए कहा कि सिल्क्यारा सुरंग के हीरो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया जाएगा। हालांकि, नेताओं और डीडीए के द्वारा कही जा रही बात को वकील हसन ने मौखिक आश्वासन बताया है।

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