Delhi Crime News: केंद्रीय एजेंसी या पुलिस का अधिकारी बताकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर लाखों रुपये ठगने के मामले रोजान सामने आ रहे हैं। पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है कि कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं होता है। बावजूद इसके पढ़े लिखे लोग भी इन शातिर अपराधियों के चंगूल में आसानी से फंस जाते हैं। बहरहाल, अब दिल्ली से ऐसी खबर सामने आ रही है, जहां एक गिरोह ने न केवल पुलिस के नाम का इस्तेमाल किया बल्कि खाकी वर्दी पहनकर रेड भी डालने लगे। 

ताजा मामला पश्चिमी दिल्ली से सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि चार लोगों के एक गिरोह ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर छात्रों के फ्लैट पर छापेमारी की। उन पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें मुर्गे की तरह बैठाया और फिर 1.55 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। पिछले हफ्ते सामने आए इस मामले का पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

सभी आरोपी दिल्ली के ही रहने वाले

दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी मनप्रीत सिंह, जुनैद वासीद, कुलदीप सिंह और सरबजीत सिंह उर्फ प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया है। सभी पश्चिमी दिल्ली के ही निवासी हैं। 12 दिसंबर को इस चारों के खिलाफ डकैती, जान से मारने और गंभीर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कराया गया था। इन्होंने छात्रों के फ्लैट पर छापेमारी की, ये छापेमारी चार घंटे तक चली। फर्जी पुलिसकर्मियों ने छात्रों को मुर्गे की तरह बैठे रहने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उनकी फोटोज खींचीं और फिर घर में बंद रहने के लिए कहा। इसके बाद उन्हें धमकी दी कि वे चुप रहें। 

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इन छात्रों को बनाया शिकार

पुलिस ने बताया कि एक फ्लैट में छह छात्र मौजूद थे, जिनके नाम कुंज साल्वे, लवप्रीत सिंह, आदित्य वासवानी, आदित्य कुमार वर्मा, सुजान्या गुप्ता और मोहम्मद अरीबुल हसन है। ये सभी दिल्ली पुलिस के छात्र हैं और ये किसी भी कॉल सेंटर स्कैम में शामिल नहीं थे। 

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छात्रों ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कुंज साल्वे इस मामले की शिकायत पुलिस को दी थी। इस शिकायत में उसने बताया था कि 10 दिसंबर की रात लगभग 9.30 बजे आरोपियों ने उससे और वासवानी से संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास छात्रों के फर्जी कॉल सेंटर में शामिल होने का एक वीडियो है। आरोपियों ने सभी छात्रों को घेर लिया। उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए। इसके बाद तलाशी के नाम पर उन्हें फ्लैट पर ले गए।

इसके बाद उनके साथ मारपीट की और छात्रों के खिलाफ कोई मामला दर्ज न करने के लिए 25 लाख रुपए का जुर्माना मांगा। छात्रों के पैसे देने से इनकार करने पर आरोपियों ने उन्हें धमकाया और 23 हजार रुपए कैश ले लिया। इसके अलावा उनके डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के साथ उसकी डिटेल्स भी ले गए और इससे उन्होंने 1.32 लाख रुपए निकाल लिए। 

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