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Lok sabha election 2024: दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट को राजधानी की सबसे हॉट सीट माना जाता है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 22 लाख 21 हजार 445 मतदाता है। इस लोकसभा में कुल 54 गांव हैं। इनमें से 22 गावों में गुर्जर बहुल है।

South Delhi Lok Sabha Seat: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार इंडिया गठबंधन का घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। दोनों दलों ने चार-तीन फॉर्मूले पर सीट शेयरिंग किया है। समझौते के मुताबिक आप के हिस्से में चार सीट तो कांग्रेस के पास तीन सीट गई है। ऐसे मे इस बार दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट आप के पाले में हैं। इस बार यहां पर बीजेपी और आप के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।

इस सीट को गुर्जर वोटरों का दबदबा माना जाता है। इसी वजह से दोनों पार्टियों ने गुर्जर प्रत्याशियों पर दांव लगाए हैं। जहां बीजेपी से रामवीर सिंह बिधूड़ी मैदान में हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी से सहीराम पहलवान चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट गुर्जर बनाम गुर्जर की स्थिति बनती दिख रही है। तो चलिए समझते हैं कि इस सीट पर जातीय समीकरण क्या कहता है...

राजधानी दिल्ली की सबसे हॉट सीट 

दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट को राजधानी की सबसे हॉट सीट माना जाता है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 22 लाख 21 हजार 445 मतदाता है। इस लोकसभा में कुल 54 गांव हैं। इनमें से 22 गाव में गुर्जर बहुल है। इन गांवों में करीब साढ़े चार लाख गुर्जर है। गुर्जर बहुल होने के नाते इस सीट पर प्रत्याशीयों को जिताने में गुर्जर जाति की भूमिका अहम मानी जाती है। लेकिन इस सीट पर जाट मतदाताओं की संख्या नहीं है।

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2009 से 2019 तक किसे कितना मत मिला

2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रमेश कुमार को 3 लाख 60 हजार 278 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 2 लाख 67 हजार 59 वोट और बसपा के कंवर सिंह को 88 हजार 120 वोट मिले थे।

2014 की बात की जाए तो बीजेपी से रमेश बिधूड़ी को 4 लाख 97 हजार 980 वोट मिले थे। जबकि आप के देवेंद्र कुमार शेरावत को 3 लाख 90 हजार 980 तो कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश कुमार को 1 लाख 25 हजार 213 मत मिले थे। वहीं

2019 की बात की जाए तो बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ताबड़तोड़ प्रदर्शन करते हुए 6 लाख 68 हजार 14 मत तो राघव चड्ढा को 3 लाख 19 हजार 971 और कांग्रेस के विजेंद्र सिंह को 1 लाख 64 हजार 613 वोट मिले थे। 

बीजेपी के लिए कठिन हो सकता है मुकाबला?

पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सिख चेहरा राघव चड्ढा को यहां से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह बीजेपी के रमेश बिधूड़ी के सामने हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, करीब 5 साल पहले राघव चड्ढा पार्टी के इतने बड़े चेहरे नहीं थे जितने आज हैं। वहीं, कांग्रेस के पास सेलिब्रिटी मुक्केबाज विजेंदर सिंह के रूप में एक जाट उम्मीदवार था। हालांकि, वह तीसरे नंबर पर रहे। इस सीट पर गुणा गणित समझने वाले सियासी दिग्गजों की मानें तो इस सीट पर कांग्रेस और आप का संयुक्त उम्मीदवारी के चलते बीजेपी के लिए इस सीट पर लड़ाई कठिन हो सकती है। क्योंकि, जाट वोटों का बंटवारा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिला था।

जाट मतदाताओं की भी संख्या अच्छी खासी

इस लोकसभा क्षेत्र में जहां, देवली, अंबेडकर नगर और संगम विहार विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी की पकड़ मजबूत है, तो वहीं कालकाजी, गोविंदपुरी, साकेत, महरौली समेत कई इलाकों में बड़ी संख्या में पंजाबी वोटर हैं। जिसका लाभ आप को मिल सकता है। यानी इन सबको देखने के बाद ऐसा लग रहा है इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प देखने को मिलेगा। यहां बीजेपी भी कमजोर नहीं है। यहां बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर में बीजेपी की भी तगड़ी पैठ है। इन इलाकों में जाट मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। यहां करीब 17 गांव जाट बहुल हैं, यहां जाटों की आबादी करीब ढाई लाख है। हार जीत के आंकड़ो में यह जाट मतदाता भी इस सीट पर ठीक ठाक भूमिका निभाते हैं।

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वहीं, अगर बीजेपी हिंदुत्व कार्ड खेलने की कोशिश करती है तो उसको लाभ मिल सकता है। लेकिन आम आदमी पार्टी भी हिंदुत्व का कार्ड खेलने में माहिर है। बता दें कि इस सीट पर 85 फीसदी से अधिक हिंदू मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर लगभग 9.1 फीसदी के साथ मुस्लिम मतदाताओं की संख्या हैं। तीसरे नंबर पर 2.4 फीसदी आबादी के साथ सिख हैं। इसके अलावा यहां जैन 0.4 और बौद्ध 0.14 फीसदी हैं। यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 15.39 फीसदी है। 

10 विधानसभा सीट 

बता दें दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकरनगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर शामिल हैं। इनमें एक सीट पर बीजेपी के खाते में गई है बाकी 9 सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है।

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