Sunehri Bagh Masjid Dispute: दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने लुटियन जोन में स्थित सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। इसको लेकर विवाद बढ़ गया और मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। अब इस संबंध में आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। एनडीएमसी (NDMC) मस्जिद को हटाने के लिए ट्रैफिक का हवाला दिया है। एनडीएमसी का कहना है कि इलाके में लोगों को ट्रैफिक से घंटों-घंटों दो चार होना पड़ता है।
वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली नगरपालिका परिषद ने 24 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया था। एनडीएमसी ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को मस्जिद प्रबंधन ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी।
ट्रैफिक पुलिस ने NDMC से की थी गुजारिश
सुनहरी बाग मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए एनडीएमसी (NDMC) ने तर्क दिया है कि इसकी वजह से ट्रैफिक जाम हो जाता है। न्यायमूर्ति मनोज जैन की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सुनवाई के लिए 8 जनवरी, 2024 की तारीख तय की। गोल चक्कर पर ट्रैफिक समस्या को देखते हुए जोन-2 के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस आर सत्य सुंदरम ने 22 जून, 2023 को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को लेटर लिखा था। ट्रैफिक पुलिस के अफसर ने एनडीएमसी से गोल चक्कर पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए गोल चक्कर को रिडिजाइन करने की गुजारिश की थी।
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क्या है पूरा मामला
दिल्ली के लुटियन जोन में स्थित यह मस्जिद करीब 125 वर्ग मीटर जगह में बनी हुई है। मस्जिद एक गोल चक्कर पर बनी है, जहां से मौलाना आजाद मार्ग, मोतीलाल नेहरू मार्ग, सुनहरी बाग मार्ग और रफी मार्ग मिलते हैं। सुनहरी बाग मस्जिद ऐतिहासिक मस्जिद है। नगरपालिका परिषद ने 172 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त करने का प्रस्ताव रखा था। नगरपालिका परिषद ने 24 दिसंबर को सुनहरी मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। एनडीएमसी की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ मस्जिद के प्रबंधकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से लेटर मिलने के बाद एनडीएमसी ने ट्रैफिक पुलिस और लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने 28 जून, 2023 को मौके पर स्थिति का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान वक्फ बोर्ड के लोग भी मौजूद थे। अधिकारियों ने रिपोर्ट दी थी कि सुनहरी बाग मस्जिद के पास गोल चक्कर पर ट्रैफिक काफी रहता है। यहां पास में ही मेट्रो स्टेशन है, जिसकी वजह से कई लोग यहां से गुजरते हैं। मस्जिद के होने से लोगों को दिक्कत होती है और सुरक्षा को भी खतरा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मस्जिद को हटाने का फैसला लिया गया।