Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे बर्ताव पर शर्म नहीं आती। बता दें कि इससे पहले 12 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद बिभव ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

महिला पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आई- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बिभव को लेकर कई सख्त टिप्पणियां की। कोर्ट ने कहा कि क्या बिभव को एक महिला पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आई? इस मामले में अब अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

तीस हजारी कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

बिभव कुमार ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट में नियमित जमानत याचिका 7 जून को दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। नियमित जमानत पाने के लिए बिभव कुमार द्वारा दायर की गई यह दूसरी याचिका थी। इससे पहले 27 मई को विभव कुमार ने पहली याचिका दायर की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बिभव कुमार को राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जमानत के लिए बिभव कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

दिल्ली हाई कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत

तीस हजारी के बाद बिभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार यानी 12 जुलाई को फैसला सुनाने के लिए तारीख तय की थी। 12 जुलाई को न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि 13 मई को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कथित तौर पर सीएम आवास से पीसीआर कॉल कर बिभव कुमार द्वारा अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया। 16 मई को दिल्ली पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बिभव ने उन्हें सीएम आवास पर मारपीट की। इसके बाद बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया था, कोर्ट ने 1 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। तब से लगातार उनकी हिरासत की तारीख बढ़ती जा रही है।