दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों को पेयजल किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। चाहे गुरुग्राम हो या फिर नोएडा, हर जगह पानी के लिए त्राही मची है। चिंताजनक पहलु यह है कि लोगों की समस्या का समाधान निकालने की बजाए राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी पेयजल किल्लत के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा दिया है। आतिशी के इस हमले पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार वक्त रहते कदम उठाती, तो यह समस्या नहीं आती।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि दिल्ली की जल मंत्री आतिशी सफेद झूठ बोल रही हैं कि हरियाणा ने दिल्ली का पानी रोक दिया है। उन्होंने 14 से 21 मई के बीच पेयजल सप्लाई का आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि प्रतिदिन 989 से 1001 एमजीडी पानी का उत्पादन रहा है। इसके बाद भी इसी तरह पानी का उत्पादन हुआ, लेकिन दिल्ली सरकार जल चोरी और पानी के दुरुपयोग को नहीं रोक पा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले सालों की तुलना में मई माह के दौरान यमुना का जलस्तर काफी बेहतर है। भीषण गर्मी की बात की जाए तो पेयजल स्तर में कमी आई है, लेकिन आवंटित 548 एमजीडी में से 50 एमजीडी तक की कमी देखी गई है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को राजनीति करने की बजाय पेयजल सप्लाई बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
'दिल्ली में पेयजल सप्लाई के लिए एक्शन प्लान नहीं'
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे, तो उन्होंने पेयजल सप्लाई बेहतर रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सीएम अब जेल से बाहर आ गए हैं, लेकिन पेयजल पर भी ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को आरोप लगाने की बजाए जल वितरण पॉलिसी पर काम करना चाहिए।
आतिशी ने लगाए थे ये आरोप
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने राजधानी में पेयजल सप्लाई के लिए बीजेपी और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि था कि हरियाणा ने दिल्ली का पानी रोक दिया है। उन्होंने कहा था कि अगर यही रहा तो हम आगे का विकल्प चुनेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि अगर पेयजल किल्लत बनी रहती है तो दो की जगह एक समय पर ही पानी सप्लाई दी जाएगी। हालांकि इससे पूर्व भी आतिशी ने हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन उस वक्त दिल्ली जल बोर्ड ने ही इस दावे को खारिज कर दिया था।