Weather Update: देश की राजधानी दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है। आलम ये है कि इस बार गर्मी ने अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंगलवार को तो दिल्ली के मौसम विभाग के तीन केंद्रों पर तापमान 49 डिग्री से अधिक होने के कारण पचास डिग्री की तपिश महसूस हुई। मौसम विभाग ने आज बुधवार दिल्ली हरियाणा समेत कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है। आने वाले दिनों में अभी गर्मी से कोई खास राहत मिलने वाली नहीं है। हालांकि, जून के पहले सप्ताह में मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।
14 साल का रिकॉर्ड टूटा
बीते दिन मंगलवार को गर्मी ने 14 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 14 साल में पहली बार 28 मई का दिन इतना गर्म रहा। दिल्ली के कई इलाकों में पारा 50 डिग्री तक पहुंच गया। मंगलवार को मंगेशपुर इलाके में अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, नजफगढ़ में भी पारा 49.8 डिग्री तक पहुंच गया। यही नहीं रात के वक्त भी दिल्ली का तापमान 30-31 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। लोगों को कूलर और पंखे में भी शरीर पसीना निकल रहा है।
कब मिलेगी राहत
मौसम विभाग के अनुसार अभी दो दिन तक ऐसी ही गर्मी बनी रहेगी। बुधवार को भी गर्मी व लू का रेड अलर्ट है। इस दौरान तापमान 46 डिग्री रहने की संभावना है। जबकि दिन में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। दिन में 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटा की हिसाब से धूल भरी हवाएं चलेंगी। 30 मई को भी लगभग ऐसी स्थिति रहेगी। हालांकि, शाम के वक्त मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
ये भी पढ़ें:- मध्यप्रदेश में गर्मी का कहर: 10 शहरों में पारा 47 डिग्री के पार
पश्चिमी विक्षोभ के कारण 31 मई व एक जून को तापमान में दो से तीन डिग्री की मामूली गिरावट होगी। विभाग ने 31 मई व एक जून को मामूली बारिश व धूल भरी हवाएं चलने की संभावना जताई है। जून के पहले सप्ताह तक भले ही तापमान दो से तीन डिग्री होने की संभावना है। हालांकि, फिलहाल 45 डिग्री से कम तापमान आने की संभावना नहीं है।
हरियाणा के मौसम का हाल
वहीं, अगर हरियाणा के मौसम की बात की जाए तो गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हरियाणा के सिरसा में अधिकतम तापमान 50 डिग्री के पार हो गया। वहीं राज्य के 8 जिलों का अधिकतम तापमान 48 डिग्री के पार दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के कारण प्रदेश सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां मंगलवार तक के लिए बढ़ा दी हैं। भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ गई है और कई हिस्सों में बिजली और पानी की कमी पैदा हो गई है।