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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जब भाजपा ने मोहन सिंह बिष्ट को करावल नगर से टिकट नहीं दिया था, तब उनके समर्थकों में असंतोष देखा गया था। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने बाद में उन्हें मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया, जहां उन्होंने शानदार जीत दर्ज की।

Delhi Assembly Deputy Speaker Mohan Singh Bisht: दिल्ली विधानसभा के तीसरे दिन यानी 27 फरवरी को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाजपा विधायक  मोहन सिंह बिष्ट के नाम को उपाध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया। इस पद के लिए कोई अन्य दावेदार नहीं था, जिससे उनका निर्विरोध चयन तय माना जा रहा था। इससे पहले सोमवार को विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का स्पीकर चुना गया था, जिसके बाद से ही डिप्टी स्पीकर के नाम को लेकर अटकलें तेज थीं। अब बीजेपी ने वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बिष्ट को इस पद के लिए चुना है।  

टिकट न मिलने पर दिखाए थे बगावती तेवर, अब बड़ी जिम्मेदारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जब भाजपा ने उन्हें करावल नगर से टिकट नहीं दिया था, तब उनके समर्थकों में असंतोष देखा गया था। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने बाद में उन्हें मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया, जहां उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर जीत हासिल कर बिष्ट ने अपनी सियासी पकड़ को मजबूत किया और अब उन्हें दिल्ली विधानसभा का डिप्टी स्पीकर नियुक्त किया गया है।  

मुस्लिम बाहुल्य सीट पर कमल खिलाने में रहे सफल

मोहन सिंह बिष्ट ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद सीट से जीत हासिल की। यह सीट मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मानी जाती है, जहां लगभग 40% मुस्लिम मतदाता हैं। भाजपा के लिए यह सीट हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है, लेकिन बिष्ट ने शानदार प्रदर्शन कर जीत दर्ज की। उन्होंने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आदिल अहमद खान को हराया था।  

मुस्तफाबाद सीट पर मतों का बंटवारा ऐसा रहा

मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर 2025 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने 85,215 वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी के आदिल अहमद खान को 67,511 वोट मिले, जबकि एआईएमआईएम प्रत्याशी ताहिर हुसैन को 33,467 वोट और कांग्रेस के अली मेहंदी को मात्र 11,732 वोट मिले। इस चुनाव में बिष्ट ने बड़ी बढ़त बनाते हुए भाजपा के लिए मुस्लिम बाहुल्य सीट पर कमल खिलाया। 

राजनीतिक सफर: चार बार विधायक, अब डिप्टी स्पीकर

मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति में एक कद्दावर नेता माने जाते हैं। उन्होंने 1998 में पहली बार करावल नगर से विधायक के रूप में जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2003, 2008 और 2013 में भी उन्होंने करावल नगर सीट से जीत हासिल की। हालांकि, 2015 में आम आदमी पार्टी के कपिल मिश्रा ने उन्हें करावल नगर से हराया। 2020 में बिष्ट ने फिर से करावल नगर से जीत दर्ज की और 2025 में भाजपा ने उन्हें मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़वाया, जहां उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।  

उत्तराखंड से दिल्ली तक का सफर

मोहन सिंह बिष्ट उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं। 1970 के दशक में उनका परिवार दिल्ली आ गया, जहां उन्होंने भारतीय जनसंघ से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। 1992 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और पार्टी में अपनी सक्रियता बढ़ाई। भाजपा में चार बार विधायक रहने के बाद, 2013 में उन्हें दिल्ली प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।  

डिप्टी स्पीकर पद के लिए दो अलग-अलग प्रस्ताव

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय की ओर से जारी कार्यसूची के अनुसार, मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर पद पर निर्वाचित करने के लिए दो अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए गए। पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पेश किया, जिसका समर्थन पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने किया। दूसरा प्रस्ताव विधायक अनिल कुमार शर्मा ने पेश किया, जिसे गजेंद्र सिंह यादव का समर्थन मिला।  

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भविष्य की रणनीति और जिम्मेदारी

दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बनने के बाद अब मोहन सिंह बिष्ट की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उनकी नियुक्ति भाजपा के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि दिल्ली में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए उन्हें बड़ी भूमिका निभानी होगी। उनके नेतृत्व में भाजपा दिल्ली विधानसभा में अपने मुद्दों को और प्रभावी तरीके से उठा सकेगी।

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