Yamuna River Front boating Delhi: दिल्ली की जीवनरेखा मानी जाने वाली यमुना नदी को अब एक नया रूप देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। भाजपा सरकार ने यमुना की सफाई और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर दिल्ली में भी यमुना रिवर फ्रंट बनाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने असिता ईस्ट पार्क का निर्माण शुरू कर दिया है, जो इस परियोजना का पहला चरण होगा।
यमुना नदी की मौजूदा स्थिति
यमुना नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री से निकलकर प्रयागराज में गंगा नदी में मिलती है। दिल्ली में यह नदी पल्ला गांव से प्रवेश करती है और जैतपुर तक 52 किलोमीटर का सफर तय करती है। हालांकि, वजीराबाद से पहले तक इसका पानी साफ रहता है, लेकिन इसके बाद इसमें 26 बड़े नाले गिरने से नदी का पानी जहरीला हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हर दिन 350 करोड़ लीटर सीवेज उत्पन्न होता है, जिसमें से अधिकांश बिना ट्रीटमेंट के सीधे यमुना में बहा दिया जाता है।
बीजेपी सरकार का संकल्प: यमुना की सफाई
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यमुना सफाई को प्रमुख मुद्दा बनाया था। भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के पहले ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया। सरकार का लक्ष्य केवल यमुना को साफ करना ही नहीं, बल्कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना भी है। दिल्ली के विधायक प्रवेश वर्मा ने यमुना किनारे जाकर इसे स्वच्छ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया था।
साबरमती रिवर फ्रंट मॉडल की तर्ज पर होगा विकास
अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट एक सफल उदाहरण है, जहां नदी को व्यवस्थित कर एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। उसी मॉडल को अपनाते हुए यमुना को भी विकसित किया जाएगा। इसके तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
- नदी किनारे ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी।
- वॉकवे और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे।
- बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं शुरू की जाएंगी।
- जल प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
यमुना रिवर फ्रंट से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली में पहले से ही लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, पुराना किला और अक्षरधाम मंदिर जैसे ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। यमुना रिवर फ्रंट के निर्माण से दिल्ली का पर्यटन और भी आकर्षक बनेगा। यहां पर्यटक वॉकिंग, साइकिलिंग, बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे।
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यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए जाएंगे कदम
यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा कई ठोस कदम उठाए जाएंगे। औद्योगिक कचरे और घरेलू सीवेज को सीधे नदी में गिराने पर सख्त रोक लगाई जाएगी, जिससे पानी की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का विस्तार किया जाएगा और सभी नालों से गिरने वाले गंदे पानी को पहले ट्रीट कर फिर नदी में छोड़ा जाएगा। साथ ही, जनता को जागरूक कर यमुना किनारे गंदगी फैलाने पर सख्त पाबंदी लगाई जाएगी, जिससे लोग भी इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। सरकार और प्रशासन की मजबूत इच्छाशक्ति के साथ इन योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित न रखकर धरातल पर उतारा जाएगा, जिससे यमुना को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।
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क्या यमुना सच में साफ होगी?
यमुना की सफाई पिछले 32 सालों से एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है। यमुना एक्शन प्लान के तहत तीन चरणों में कई योजनाएं बनीं, लेकिन उनका असर नगण्य रहा। अब भाजपा सरकार नई ऊर्जा के साथ इसे स्वच्छ करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है। यदि इस बार सरकार अपने वादे निभाती है और सही रणनीति अपनाती है, तो यह परियोजना दिल्लीवासियों के लिए ऐतिहासिक बदलाव ला सकती है। यमुना केवल स्वच्छ ही नहीं होगी, बल्कि दिल्ली का नया पर्यटन हॉटस्पॉट भी बन सकती है।