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राजधानी दिल्ली में यमुना में अमोनिया (Ammonia)  का लेवल बढ़ गया है। जिसकी वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट पूरी क्षमता से पानी का उत्पादन नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आधी दिल्ली में पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी।

Yamuna Ammonia level: राजधानी दिल्ली में यमुना में अमोनिया (Ammonia)  का लेवल बढ़ गया है। जिसकी वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट पूरी क्षमता से पानी का उत्पादन नहीं कर पाएंगे। इसलिए आधी दिल्ली के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में रहने वाले लोगों को पड़ सकता है। वहीं मध्य दिल्ली में कम प्रेशर से पानी की सप्लाई हो पाएगी। आइए जानते हैं कि अमोनिया क्या होता है और इसका आपकी सेहत पर क्या नुकसान हो सकता है। 

यमुना में क्यों बढ़ता है अमोनिया का लेवल 

दरअसल, अमोनिया एक तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस होती है। वैसे तो यह गैस हवा से भी हल्की होती है। इसमें यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट जैसे कई रासायनिक खाद पाए जाते हैं, जो इसे जहरीला बनाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब यमुना नदी में तैरता हुआ जहरीला झाग नजर आता है तो इसका मतलब होता है कि यमुना में अमोनिया का लेवल बढ़ना शुरू हो गया है। यमुना में अमोनिया के बढ़ने का कारण अपशिष्ट पदार्थ का इसमें गिराया जाना है। इससे कई फैक्ट्रियों और कई कॉलोनियों के सीवर का पानी सीधे डाला जाता है। इस गंदे पानी में कुछ अपशिष्ट पदार्थ होते है जो यमुना के पानी में घुलकर अमोनिया का लेवल बढ़ा देते है। यही वजह है कि जब अमोनिया का लेवल ज्यादा हो जाता है तो दिल्ली जल बोर्ड के प्लांट पानी को सही से फिल्टर नहीं कर पाते हैं। 

पानी में कितनी होनी चाहिए अमोनिया की मात्रा 
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की मानें, तो पीने के पानी में अमोनिया की मात्रा केवल 0.5 पीपीएम ही होनी चाहिए। लेकिन, कई बार यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा 8 पीपीएम तक पहुंच जाती है। खबरों की मानें, तो वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के पास केवल 0.9 पीपीएम तक ही पानी साफ करने की क्षमता है। यही वजह है कि जब यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है तो कई इलाकों की जलापूर्ति बाधित रहती है।

अमोनिया से ये होते हैं सेहत का नुकसान 

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 पीपीएम से ज्यादा है और आप लगातार इस पानी का सेवन करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह पानी सबसे ज्यादा लीवर को प्रभावित करता है। इससे पीलिया और कोमा में जाने का भी खतरा रहता है। 

अमोनिया का लेवल कम होने के बाद पूरी क्षमता से काम करेंगे जल बोर्ड के प्लांट 

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, दो दिन से अमोनिया की वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहा है। अभी यमुना में अमोनिया का लेवल 2.3 बना हुआ है। सीएससी के बाद प्लांट में अमोनिया का स्तर घटकर 1.6 तक पहुंच पाया है। यह लेवल 1.2 होने के बाद ही प्लांट पूरी क्षमता से काम कर सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार दोपहर तक अमोनिया का स्तर कुछ कम हो सकता है। उसके बाद ही पानी का उत्पादन सामान्य हो पाएगा। इसके अलावा भूमिगत जलाशय और बूस्टर पंपिंग की सफाई का काम बुधवार से शुरू होगा। इस कारण पूर्वी और दक्षिणी-पूर्व दिल्ली में दो दिन तक आपूर्ति बाधित रहेगी।

इन इलाकों में दो दिनों तक बाधित रहेगी जलापूर्ति  

-पुरानी सीमापुरी बीपीएस

- पंचशील एन्क्लेव

-ओएचटी 4 स्टोरी डीडीए कालकाजी

- सी-7 सफदरजंग विकास क्षेत्र

- सी- ब्लॉक ईस्ट ऑफ कैलाश

- आर. के. पुरम सेक्टर-5 फ्लैट

- पॉकेट-डी दिलशाद गार्डन

टैंकर से होगी पानी की सप्लाई 

दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि जिन इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। उन क्षेत्रों में रहने वाले लोग पानी के लिए टैंकर मंगवा सकते हैं। वहीं लोगों को पानी की उपलब्धता के लिए व्यवस्था रखनी होगी। जरूरत के आधार पर ही टैंकर और अन्य माध्यम से पानी सप्लाई किया जाएगा।

 

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