फरीदाबाद पुलिस ने साइबर ठगी के एक मामले में अहम सफलता हासिल कर राजस्थान के नागौर जिले से युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान 23 वर्षीय मुकेश के रूप में हुई है, जिसने अपना बैंक खाता साइबर ठगों को किराए पर दे दिया था। ठगों ने इस खाते का इस्तेमाल कर फरीदाबाद निवासी एक व्यक्ति से पांच लाख की ठगी की थी।
घटना 17 नवंबर 2024 की है, जब एनआईटी फरीदाबाद निवासी एक व्यक्ति को फोन कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया और कहा कि पीड़ित के आधार कार्ड का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों में हो रहा है। इसके बाद उसे डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी गई और कहा गया कि अगर वह सहयोग नहीं करता तो उसके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। ठगों के मनोवैज्ञानिक दबाव में आकर डरे-सहमे पीड़ित ने 5 लाख रुपये बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब उसे ठगी का एहसास हुआ तो उसने तुरंत साइबर थाना एनआईटी में शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान बैंक डिटेल्स की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़ित के ट्रांसफर किए गए पैसे राजस्थान के नागौर जिले के किरोदा गांव निवासी मुकेश के बैंक खाते में जमा हुए थे। साइबर थाना की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और बैंक डिटेल्स की मदद से मुकेश की पहचान की और उसे देगवाना, नागौर से गिरफ्तार कर लिया।
खाता किराए पर देने की बात कबूली
पूछताछ में मुकेश ने स्वीकार किया कि वह मजदूरी का काम करता है और आर्थिक तंगी के चलते उसने अपना बैंक खाता साइबर ठगों को कुछ पैसे लेकर दे दिया था। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि ठग कौन हैं और उन्होंने उसके खाते का कैसे और कितनी बार उपयोग किया।
तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया
फरीदाबाद पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान पुलिस उससे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और कितने लोगों से इसी तरह की ठगी की गई है।
अनजान व्यक्ति को कोई जानकारी न दें
साइबर थाना एनआईटी की टीम ने आम जनता से अपील की है कि किसी अनजान व्यक्ति को अपना बैंक खाता, एटीएम, पासबुक या अन्य कोई वित्तीय जानकारी न दें। ऐसा करना न केवल आपको परेशानी में डाल सकता है, बल्कि आप पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। फरीदाबाद पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में खाताधारक को भी अपराध में सहयोगी माना जाएगा, चाहे उसने जानबूझकर या अनजाने में खाता दिया हो।
पुलिस की टीम अब इस मामले से जुड़े बाकी आरोपियों की तलाश में जुट गई है। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश की तुरंत सूचना साइबर हेल्पलाइन 1930 पर देने की अपील की गई है।