Action Against Tehsildar: फरीदाबाद में तहसीलदार नेहा सरन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। नेहा सरन पर आरोप है कि उन्होंने जमीन बिक्री के मामले में हेराफेरी की है। मामला फरीदाबाद NIT के औद्योगिक प्लॉट की नीलामी से जुड़ा हुआ है। तहसीलदार पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों रुपए के इस प्लॉट को किसी दूसरी कंपनी का बताकर निलामी की है। इस मामले में नेहा सरन समेत नव भारत पेंट्स के मालिक दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ भी FIR दर्ज कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला ?
पुलिस को दी गई शिकायत में फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक अमरजीत सिंह चावला का कहना है कि फरीदाबाद NIT के औद्योगिक एरिया में प्लॉट नंबर 38-A है। इस प्लॉट पर मेसर्स यूनिक स्प्रिंग (इंडिया) का मालिकाना हक था। इस प्लॉट को फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड कंपनी ने किराया पर लिया था। लेकिन कंपनी ने जब इस प्लॉट को छोड़ दिया तो इसे दूसरी कंपनी मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने किराए पर ले लिया था।
फ्रेंड्स ऑटो इंडिया और मेसर्स नव भारत पेंट्स के बीच लेनदेन के मामले में मुकदमे भी चल रहे थे। जिसके तहत मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। कर्रवाई की जिम्मेदारी डिप्टी कमिश्नर को सौंपी दी गई। लेकिन फ्रेंड्स कंपनी के निदेशक अमरजीत सिंह चावला ने वसूली की कार्रवाई को रोकने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में मामला लेकर चले गए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हे शिकायत के लिए सक्षम कोर्ट जाने की परमिशन दे दी।
डीसी के आदेश के बाद भी तहसीलदार ने नहीं मानी बात
आपत्तियां लंबित होने के बावजूद भी तहसीलदार बड़खल नेहा सरन ने नवभारत पेंट्स के दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के साथ मिलीभगत की। जिसके बाद पटवारी अजरौंदा फरीदाबाद से प्लॉट नंबर 38-A की नीलामी के लिए नोटिस जारी करा दिया गया। जांच में यह सामने आया है कि नोटिस टाइप किया हुआ था लेकिन तारीख हाथ से लिखी गई थी। जिसके बाद अमरजीत सिंह चावला ने तहसीलदार नेहा सरन और जिला कलेक्टर फरीदाबाद के कार्यालय से कॉन्टेक्ट किया।
तहसीलदार बड़खल को यह भी बताया गया कि प्लॉट को लेकर आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी है। जिसके बाद फरीदाबाद के डीसी की तरफ से 29 जुलाई 2024 को बड़खल को लेटर भिजवाया गया था। लेटर के जरिये डीसी की तरफ से नेहा सरन को आदेश दिए गए थे कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट 21 मई के आदेश के हिसाब से कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद भी नेहा सरन ने आरोपियों के साथ मिलीभगत करके प्लॉट नंबर 38 A की 2 अगस्त 2024 नीलामी तय कर दी थी।
मेसर्स यूनीक स्प्रिंग कंपनी के मालिक ने भी भेजा पत्र
दूसरी तरफ मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के मालिक की तरफ से भी नेहा सरन को लेटर दिया गया, जिसमें लिखा था कि वह संपत्ति का मालिक है और इस संपत्ति को नीलाम नहीं किया जा सकता है। बात ना मानने पर मेसर्स यूनीक स्प्रिंग कंपनी के मालिक ने तहसीलदार और उसके साथियों के खिलाफ सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि प्लॉट नंबर 38 नीलामी की बजाय प्लॉट नंबर 38-ए की नीलामी कर दी गई। इसके बावजूद नोटिस भी 38ए प्लॉट के जारी कर दिए गए।
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फर्जी नीलामी रिकॉर्ड किए तैयार
सुनवाई के दौरान कोर्ट में आरोपियों ने बताया कि प्लॉट नंबर 38 की निलामी की गई है। जांच में सामने आया है कि तहसीलदार नेहा सरन ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्लॉट नंबर 38 के फर्जी नीलामी रिकॉर्ड तैयार कर किए थे। तहसीलदार नेहा सरन ने जानकारी होने और डीसी फरीदाबाद के आदेशों के बावजूद प्लॉट नंबर 38-ए नीलामी की कार्रवाई नहीं रोकी गई। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया। थाना मुजेसर के ASI ईश्वर सिंह का कहना है कि अमरजीत चावला की शिकायत के आधार पर बड़खल तहसीलदार नेहा सरन, दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस आगामी कार्रवाई में जुटी है।