फतेहाबाद: जिले में लोकल सब्जियों की नई पैदावार आने के बावजूद सब्जियों के दाम कम नहीं हो रहे। खासकर आलू, प्याज और टमाटर के दाम पहले जैसे आसमान पर ही हैं। फतेहाबाद की सब्जी मण्डी (Vegetable Market) में आलू, प्याज व टमाटर के होलसेल दाम में भी कोई कमी नहीं आई है। इस समय प्याज 50 से 60 रुपए, टमाटर 60 रुपए व नया आलू 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। पिछले कई महीनों से यह दाम बदस्तूर जारी हैं। आमतौर पर 8दिवाली के बाद नई फसल आने से सब्जियों के दाम कम हो जाते हैं।
नासिक से पहुंच रही प्याज
महाराष्ट्र के नासिक से प्याज की नई फसल आनी शुरू हो गई है। पिछले 2 माह से प्याज के भाव 60 से 70 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। नई फसल आने के बाद फर्क इतना पड़ा है कि प्याज (Onion) के दाम अब 10 रुपए तक कम होकर 50 से 60 रुपए तक बिक रहे हैं। दिवाली पर लोकल फसल आने की उम्मीद से ही भाव कम हो जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा। ऐसे ही आलू के थोक दाम 40 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं। इस समय लोकल मार्किट में आलू की नई फसल भी आ गई है। नया आलू का भाव 40 रुपए प्रति किलो है तो पुराना आलू 35 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
टमाटर के भाव में नहीं आई कमी
टमाटर की कीमत भी कम होने का नाम नहीं ले रही। नासिक व हिमाचल (Himachal) से फतेहाबाद में टमाटर आ रहा है जो यहां की मण्डी में 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसके अलावा हिमाचल व लोकल मटर की फसल भी मण्डियों में आ रही है, जिसके भाव 70 से 80 रुपए प्रति किलो हैं। सब्जी मण्डी के व्यापारी पवन राठौर के अनुसार इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। शादियों में सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है, यही कारण है कि इन दिनों सब्जियों के भाव ऊंचे है। हालांकि ऐसा दावे के साथ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि हर जगह आलू, टमाटर, प्याज के भाव यही है।
इन जिलों से हो रही आलू की आवक
आगबानी अधिकारी अमरजीत कुंडू ने बताया कि सब्जी मण्डी में इन दिनों हरियाणा के शाहबाद, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, अम्बाला (Ambala) व पंजाब के कई जिलों से आलू की आवक हो रही है। ऐसे ही राजस्थान के अलवर, मेवात व लोकल गांवों से प्याज की अगेती फसल आ रही है। इसके बावजूद प्याज के दाम कम नहीं हो रहे। प्रदेश के कई क्षेत्रों में आलू की अगेती फसल आनी शुरू हो गई है। इसके अलावा प्रदेश के मेवात व राजस्थान के अलवर से प्याज की पैदावार यहां आ रही है। नई सब्जी आने के कारण भाव में कमी आनी चाहिए थी, लेकिन कीमत कम होने का नाम नहीं ले रही।