फतेहाबाद: हिमाचल प्रदेश की शिवालिक की पहाड़ियों में पिछले कई दिनों से हो रही बरसात से घग्गर में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को गुहला चीका का जलस्तर 18480 क्यूसिक दर्ज किया गया था जो बुधवार शाम को बढ़कर 31116 क्यूसिक तक जा पहुंचा। खनौरी में दो दिन में घग्घर का बहाव 1825 से बढ़कर 9275 तो चांदपुरा में 1300 से बढ़कर 8810 क्यूसिक दर्ज किया गया। घग्घर में बढ़ते जलस्तर ने किसानों की सांसों को थाम-सा दिया है। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी बिश्नोई ने कहा कि बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। अगर घग्घर में पानी आता है तो इससे किसानों को फायदा होगा। किसान घग्घर से पानी उठाकर अपने खेतों में सिंचाई कर सकते हैं।

बढ़ता जलस्तर बन सकता है आफत

बता दें कि 2 अगस्त को नदी के गुहला चीका हैड पर 1540 क्यूसिक पानी चल रहा था, जो 4 अगस्त को बढ़ कर 5390 क्यूसिक हो गया। 12 अगस्त को यहां जलस्तर 18480 तक पहुंच गया। दो दिन में तेज बरसात के बाद 14 अगस्त को यह बहाव करीब दोगुना होकर 31116 तक जा पहुंचा। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 12 अगस्त को खनौरी में 1825 था जो 14 अगस्त को करीब 5 गुणा बढ़कर 9275 क्यूसिक तथा चांदपुरा में 12 अगस्त को 1300 क्यूसिक पहुंचने के बाद 14 अगस्त को 8810 क्यूसिक तक बढ़ गया है। नदी में बढ़ रहा जलस्तर किसानों के लिए आफत भी बन सकता है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से बरसाती पानी घग्घर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचना शुरू हो गया है।

फिलहाल बाढ़ को लेकर चिंता नहीं

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी बिश्नोई का कहना है कि घग्घर में अभी जितने पानी की आवक नदी में हो रही है, उससे चिंता की जरा भी बात नहीं है। भविष्य में भी जैसे-जैसे नदी में पानी की आवक होगी, उसे विभिन्न चैनलों के जरिए प्रवाहित किया जाएगा। घग्घर नदी में पानी की आवक होने से धान उत्पादक किसानों को काफी राहत मिलेगी। ऐसे में नदी में पानी की आवक होने से किसान काफी उत्साहित हैं। प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत को लेकर सभी प्रबंध पुख्ता कर लिए गए हैं। फतेहाबाद क्षेत्र में इस बार बरसात नहीं हो रही। ऐसे में घग्घर में अगर पानी बढ़ता है तो किसानों को फायदा होगा। किसान घग्घर से पानी उठाकर अपने खेतों में लगा सकते हैं।