गुरुग्राम के एक शख्स के रेहड़ी लगाकर चाय और पराठे बेचने शुरू कर दिए। कुछ ही दिनों में इस रेहड़ी पर लोगों की भीड़ जुटने लगी। कुछ पुलिसकर्मियों ने जब इस रेहड़ी को देखा तो सोचा कि इनके पराठों का स्वाद लिया जाए। इसके बाद इनके पराठों का स्वाद थाने तक जा पहुंचा। लेकिन, यही प्रसिद्धि इस पराठा विक्रेता के लिए मुसीबत का सबब बन गई। गुरुग्राम के चार पुलिसकर्मी इनसे मुफ्त पराठे खाने के अलावा मंथली भी मांगने लगे। शुरू में तो उन्होंने मंथली देनी शुरू कर दी, लेकिन इन पुलिसकर्मियों का लालच बढ़ गया कि उसे आला अधिकारियों को शिकायत देनी पड़ी। आगे जानिये इनके खिलाफ क्या एक्शन हुआ, लेकिन सबसे पहले इस रेहड़ी मालिक की आपबीती बताते हैं।
फरवरी से मंथली देने का सिलसिला शुरू हुआ
सेक्टर-18 के सामने झोपड़ी में रहने वाले गुलाब सिंह साहू चाय के साथ पराठे बेचता है ताकि गुजर बसर हो सके। वो मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है। उसने बताया कि फरवरी में एक हवलदार उसकी रेहड़ी पर आया और धमकी दी कि इसे बंद कर दे या 5000 रुपये दे। वो डर गया और चुपचाप पैसे दे दिए। इसके बाद हर महीने पैसे देने लगा। उसने बताया कि कुछ दिनों बाद ईआरवी पर तैनात दो सिपाही भी रिश्वत मांगने लगे। दोनों को 1500 रुपये मंथली दी। उसने कहा कि एक एएसआई तो उससे 10000 रुपये तक की मंथली मांगता था। वो इतना परेशान हो चुका कि उसने आला अधिकारियों को शिकायत दे दी।
आरोपी पुलिसकर्मी मंथली लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
गुलाब की शिकायत के बाद तुरंत आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। इस टीम ने रेहड़ी के आसपास सीसीटीवी लगाए। कुछ ही दिनों में सीसीटीवी ने चारों आरोपियों को मंथली लेते पकड़वा दिया। सेक्टर-18 पुलिस ने चारों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा के हवाले से बताया गया है कि चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल पुलिसकर्मियों से सख्ती से निपटा जाएगा।