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हरियाणा सरकार ने श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेश जांगड़ा को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। वह विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

हरियाणा सरकार में नई सरकार के गठन होने से पहले बड़ा एक्शन हुआ है। राज्य सरकार ने श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेश जांगड़ा को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई उनके खिलाफ प्रदेश से आचार सहिंता हटने के तुरंत बाद हुई है। 

जानकारी के मुताबिक,  नरेश जांगड़ा हिसार के गांव लाडवा के रहने वाले हैं और वह कुलदीप बिश्नोई परिवार के करीबी रहे हैं। जब कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, उस समय नरेश जांगड़ा ने भी भाजपा जॉइन की थी और नरेश जागड़ा को 7 महीने पहले मार्च में कुलदीप बिश्नोई के कोटे से ही चेयरमैन बनाया गया था। नरेश जांगड़ा ने भारतीय जनता पार्टी में ओबीसी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है।

विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस में शामिल हो गए थे नरेश जांगड़ा 

हालांकि, विधानसभा चुनाव के दौरान नरेश जांगड़ा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा की अध्यक्षता में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदमपुर में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश के लिए प्रचार भी किया था। यहां से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के चंद्र प्रकाश से देखने को मिला। चंद्र प्रकाश से आदमपुर सीट पर अपना कब्जा किया और बिश्नोई परिवार से 56 साल बाद यह सीट छिन ली। 

15 अक्टूबर को हरियाणा में होगा नई सरकार का गठन

बता दें कि हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर कब्जा किया है और इसके बाद तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन दे दिया है। ऐसे में अब बीजेपी के पास 51 विधायक हो गए है। नई सरकार का गठन 15 अक्टूबर को होगा। इससे पहले ही सरकार ने जांगड़ा को हटाकर बड़ा एक्शन लिया है। 

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