हिसार: सेक्टर 1-4 निवासी एवं उपायुक्त कार्यालय में ग्रुप डी पद पर कार्यरत राजकुमार फौजी सुसाइड मामले की जांच एएसपी राजेश कुमार मोहन के नेतृत्व में गठित एसआईटी करेगी। एसआईटी में पांच सदस्य शामिल होंगे और जांच कमेटी में परिवार के पांच सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। यह आश्वासन पुलिस अधीक्षक दीपक सहारन ने राजकुमार फौजी न्याय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को दिया। उनके इस आश्वासन के बाद समिति सदस्यों व परिजनों ने शव का दाह संस्कार का निर्णय लिया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो 13 नवंबर को आईजी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
लघु सचिवालय पर कर चुके हैं प्रदर्शन
सीआरपीएफ के पूर्व सैनिक के परिजनों व उनके समर्थन में आए संगठनों ने सोमवार को लघु सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन और धरना दिया था। इस दौरान एक कमेटी ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर एसआईटी गठन करने व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी। एसपी के आश्वासन के बाद राजकुमार के शव का दाह-संस्कार का निर्णय लिया। एसआईटी टीम के सदस्य शहर थाना एसएचओ ने धरने पर पहुंचकर सभी आरोपितों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया और बताया कि एसआईटी में पांच सदस्य होंगे। इसके अलावा परिवार के भी पांच सदस्य जांच कमेटी में शामिल रहेंगे।
छह दिन बाद राजकुमार का हुआ दाह संस्कार
राजकुमार फौजी के भाई सरदानंद राजली ने बताया कि सुसाइड के छह दिनों बाद सीआरपीएफ के पूर्व सैनिक का दाह-संस्कार हुआ है। एसपी से वार्तालाप में बताया गया कि एसआईटी गठित कर दी गई है, जिसका इंचार्ज एएसपी राजेश कुमार मोहन को बनाया गया है। पुलिस तह तक जाएगी और कोई भी आरोपी नहीं बख्शा जाएगा। पुलिस के आश्वासन के बाद राजकुमार फौजी न्याय समिति की बैठक हुई, जिसमें सभी ने दाह-संस्कार की सहमति दी और आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। न्याय संघर्ष समिति ने पुलिस प्रशासन को 10 दिन का समय दिया और चेताया कि अगर आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो 13 नवंबर को आईजी का घेराव किया जाएगा।