झज्जर: शुक्रवार को आई तेज बरसात के कारण नहर में हुए तेज बहाव से जिले के अंतिम छोर से निकलने वाली खानपुर माइनर टूट गई। माइनर टूटने के कारण नहर का पानी साथ लगते गांव गोरिया, खानपुर, खोरड़ा, बहु झोलरी की गलियों व घरों में घुस गया। माइनर टूटने से पानी खेतों में बहने लगा। जिस कारण करीब 600 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। शनिवार की सुबह जब ग्रामीणों ने उठकर देखा तो गांव की गलियों में करीब दो से तीन फुट तक हुए जलभराव ने उनकी चिंता बढ़ा दी। इतनी अधिक मात्रा में हुए जलभराव के कारण जनजीवन प्रभावित रहा।
घरों में घुसा पानी, लोग हुए बेहाल
गलियों में भरे पानी के कारण ग्रामीणों को गहरे पानी से होकर गुजरना पड़ा। इस कारण बच्चे व घर के बड़े बुजुर्ग भी घरों से नहीं निकले। जिन घरों में पानी घुसा हुआ था, उन ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर पर आवश्यक प्रबंध करते हुए घर में घुसे पानी को बाहर निकाला। वहीं जिन घरों में पानी नहीं घुसा, उन्होंने जलभराव की आशंका को देखते हुए पानी रोकने की व्यवस्था की। बता दें कि शुक्रवार को आई बरसात के दौरान जिले के मातनहेल क्षेत्र में सर्वाधिक 67एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा झज्जर में 31 एमएम, बादली में 14 एमएम तथा बेरी क्षेत्र में 27 एमएम बारिश हुई।
बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा
गोरिया गांव निवासियों ने बताया कि गांव में स्थित दोनों तालाब पानी से लबालब हो गए हैं। सबसे अधिक परेशानी बाहरी हिस्से में स्थित बस्ती के लोगों को हुई है। रात करीब एक बजे ही गांव में जल भराव होने का पता चल गया था। ऐसे में जहां उन्होंने पूरी रात जागकर गुजारी, वहीं गांव के लगभग सभी लोगों ने घरों के अंदर पानी जाने से रोकने के इंतजाम करते हुए मिट्टी के कट्टे लगाने का कार्य किया। जलभराव से उत्पन्न मच्छरों के कारण संक्रमण की आशंका भी बढ़ गई है। उन्होंने जिला प्रशासन से तुरंत प्रभाव से पानी निकासी किए जाने की मांग की।
प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया स्थिति का जायजा
सूचना मिलने के बाद मातनहेल के तहसीलदार जयबीर, एसडीएम वीरेंद्र यादव, दादरी डिविजन के एसडीओ सुरेंद्र सिंह, पटवारी, जेई, झज्जर से मैकेनिकल एसडीओ और जेई सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने कहा कि यह स्थिति प्लांट में जाने वाले पानी को रोकने के कारण हुई है। यदि वहां का पानी खोला जाए तो स्थिति पर काबू पर पाया जा सकता है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका-मुआयना करते हुए संबंधित प्लांट के मुहाने को खोल कर पानी निकासी सुचारू कराई।
खिलाड़ी मनु भाकर का पैतृक गांव है गोरिया
साल्हावास क्षेत्र का गांव गोरिया ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली होनहार शूटर मनु भाकर का पैतृक गांव है। जलभराव के कारण गांव वालों का कहना है कि गांव में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को अलसुबह ही अवगत करा दिया था। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा स्थिति से अवगत कराने के बाद भी नहरी पानी को बंद नहीं कराया।
माइनर में भरा केवल बरसाती पानी
दादरी डिविजन के एसडीओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके द्वारा नहरी पानी चलाए जाने की बात गलत है। उन्होंने अभी तक नहर में पानी शुरू नहीं किया। शुक्रवार को आई तेज बरसात के कारण माइनर में बरसाती पानी भर गया। जबरदस्त पानी बैंक तोड़ कर नहर में घुस गया। उनकी टीम लगातार पानी निकासी के प्रयासों में जुटी है। शनिवार की शाम तक वे करीब एक से डेढ़ फुट तक जलस्तर को नीचे करने में कामयाब रहे हैं। उम्मीद है कि रविवार की शाम तक पानी निकासी हो जाएगी। इसके लिए कई जरनेटर पंप मंगवाए गए हैं। क्षेत्र में फसलों को कितना नुकसान पहुंचा, इसका आकंलन अभी पूरा नहीं हुआ है।