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Haryana News: हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जींद में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान कैप्टन ने बताया कि भारत कैसे विश्व गुरु बन सकता है।

Haryana News: हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि देश की सुरक्षा सैनिक करते हैं और सैनिकों के प्रति देश के भी कुछ कर्तव्य है। जब तक समझ में कृतज्ञता का भाव नहीं आएगा, तब तक देश सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत नहीं होगा। समाज को सैनिकों को सम्मान देना चाहिए। समाज में सम्मान देने का भाव संस्कार से आएगा और संस्कार शिक्षण संस्थानों से मिलेगा। कैप्टन अभिमन्यु वीरवार को स्वतंत्रता दिवस पर इंडस पब्लिक स्कूल में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

70 से अधिक सैनिक परिवारों को मिला सम्मान- कैप्टन अभिमन्यु

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर शौर्य चक्र विजेता कैप्टन शहीद पवन कुमार, शौर्य चक्र विजेता मेजर शहीद विनय चौधरी, वीर चक्र विजेता अभेराम, मेजर राजाराम, कैप्टन रामफल सहित 70 से अधिक सैनिक परिवारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में इंडस पब्लिक स्कूल के छात्र रहे शहीद कैप्टन पवन कुमार के नाम पर हर साल स्कूल के सर्वश्रेष्ठ छात्र को शौर्य चक्र विजेता शहीद कैप्टन पवन कुमार ट्रॉफी देने का ऐलान किया गया। कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर समां बांधा।

'आध्यात्मिक और रक्षा का क्षेत्र भी जरूरी'

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि आज जब उन्होंने लाल किले की प्राचीर से संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुना तो उन्होंने साफ किया कि 2047 का भारत कैसा होना चाहिए। जब 2047 में भारत का युवा विश्व के पटल पर खड़ा हो तो वह खुद को गौरवान्वित महसूस करे। भारत एक बार फिर विश्व गुरु और महाशक्ति बने। प्रधानमंत्री ने इसके लिए रोड मैप तैयार किया है। आर्थिक व शैक्षणिक दृष्टि से भारत को मजबूत किया जाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि आर्थिक व शैक्षणिक दृष्टि तो जरूरी है ही इसके साथ ही आध्यात्मिक और रक्षा का क्षेत्र भी उतना ही जरूरी है।

'भारत को 1000 साल रहना पड़ा गुलाम'

उन्होंने कहा कि अगर हम 1000 साल पीछे का भारत देखें तो भारत विश्व गुरु भी था और सोने की चिड़िया भी था। विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय भारत में था। लेकिन हम लोग अपनी रक्षा पर ध्यान नहीं दे पाए और आक्रांता आते रहे और देश को लूट कर जाते रहे। जिस कारण भारत 1000 साल तक गुलाम रहा। भारत ने यह गुलामी रक्षा के मामले में हुई अपनी चूक के कारण झेली। पिछले 10 सालों में बड़ा परिवर्तन हुआ है सुरक्षा की दृष्टि से हम मजबूत हुए हैं। जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में रेवाड़ी में सैनिकों की रैली की थी, तब हमने उन्हें कहा था कि तीनों सेनाओं का एक समन्वय होना चाहिए और आज तीनों सेनाओं का समन्वय है।

'भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचती हैं विरोधी ताकतें'

उन्होंने कहा कि हमें अपनी सीमाओं की रक्षा करनी है। विरोधी ताकतें जो सीमा पार बैठकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचती हैं, वह हमला करें हमें इस बात का इंतजार नहीं करना है बल्कि उनके हमला करने से पहले उन्हें उनके घर में घुसकर मारना ही होगा। वर्ष 2014 में हरियाणा के वित्त मंत्री बने कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि 10 साल पहले जब उन्हें सत्ता मिली तो उन्होंने सैनिकों की समस्याओं को समझा और उनका समाधान करने का काम किया। पूर्व सैनिक जो काम करना चाहते थे एसपी को अधिकार दिए कि वह अपने जिले में एसपीओ की नियुक्ति कर सकें।

'शहीद के परिवार वालों की दी नौकरी'

सैनिक बोर्ड में रिक्त पड़े पदों को भरने का काम किया। साथ ही 1947 से लेकर आज तक जो भी शहीद हुआ है उनका रिकार्ड मंगाकर यह देखा कि सरकार ने उनके परिवार को नौकरी दी है या नहीं। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जब उन्होंने इस बात को चेक किया तो पाया कि 100 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो शहीद हुए, लेकिन उनके परिवार के लोगों को नौकरी नहीं मिली तब सरकार ने फैसला किया कि भले ही तीन पीढ़ी चली गई हो और चौथी पीढ़ी आ गई हो नौकरी देनी पड़ेगी। 1962 में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को चौथी पीढ़ी में नौकरी देने का काम उन्होंने किया।

'सम्मान देने का भाव संस्कार से आएगा'

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सीमा पर रक्षा कर रहे देश के सैनिकों के प्रति देश की जनता और समाज के भी कुछ कर्तव्य है, जब तक समझ में सैनिकों के प्रति कृतज्ञ का भाव नहीं आएगा, तब तक देश सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत नहीं हो सकता उन्होंने कहा कि समाज को सम्मान देना चाहिए और समाज में सम्मान देने का भाव संस्कार से आएगा और संस्कार शिक्षण संस्थानों से आएंगे। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वह अमेरिका गए थे और एक व्यक्ति उठ कर आया और उसने कहा कि मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं।

'कार्यक्रम में कौन-कौन रहे उपस्थित'

कैप्टन अभिमन्यु ने उसे इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि आपने वर्दी पहन कर देश की सेवा की है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही भाव भारत के युवाओं के मन में लाने की जरूरत है। एक युद्ध स्मारक और वन रैंक वन पेंशन के लिए पिछले कई सालों से सैनिक अपनी लड़ाई लड़ रहे थे। वर्तमान केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन देने का काम किया और साथ ही इंडिया गेट के पास युद्ध स्मारक की स्थापना की। उन्होंने अपने कई सहपाठी और दोस्तों को याद किया जो देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। बताते चलें कि इस अवसर पर इंडस शिक्षण संस्थान के निदेशक सुभाष श्योराण, कमांडेंट रमाकांत शर्मा, कर्नल ढांडा समेत बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और शहीद हुए सैनिकों के परिजन मौजूद थे।

कैप्टन अभिमन्यु ने जींद में की दो बड़ी घोषणाएं

उन्होंने कहा कि हमने बहुत दोस्त और साथी खोए हैं और जब उनकी याद आती है तो युद्ध स्मारक पर जाकर एक फूल चढ़ाकर उन्हें सेल्यूट कर लेते हैं। इस अवसर पर कैप्टन अभिमन्यु ने जींद में दो बड़ी घोषणाएं की। पहले तो यह की इंडस पब्लिक स्कूल के छात्र रहे शौर्य चक्र विजेता शहीद कैप्टन पवन कुमार के नाम से स्कूल के सर्वश्रेष्ठ छात्र को हर साल ट्रॉफी प्रदान की जाएगी। और दूसरा यह है कि जींद और आसपास के पूर्व सैनिकों के संगठनों को जब भी अपनी बैठक आदि के लिए किसी प्रकार की जरूरत होगी तो इंडस शिक्षण संस्थान उनके साथ खड़ा होगा।

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