किसानों का बड़ा ऐलान :  संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की प्रदेशस्तरीय बैठक शुक्रवार को जींद के नरवाना में चौधरी घासी राम नैन किसान रेस्ट हाउस में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता डा. सुखदेव जम्मू, विकास सीसर, जोगेंद्र नैन ने संयुक्त तौर पर की। बैठक में सर्वसम्मति से पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा वहां के किसान आंदोलनकारियों के साथ किए गए दमन, गिरफ्तारियों की कड़े शब्दों में निंदा की गई। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री किसानों के मुद्दों का समाधान करने की बजाय किसान आंदोलकारियों को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के माध्यम से गेहूं की फसल पर एक हजार रुपये बोनस देने, नहरों में पानी छोड़ने, पिछले दिनों ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का मुआवजे देने, सरसों की खरीद जल्द शुरू करने की मांग उठाई। बैठक में मोर्चा ने मुख्यमंत्री से किसानों के हरियाणा के लंबित मुद्दों के समाधान के लिए किसान आंदोलनकारियों से बात करने की मांग की है। 

एमएसपी समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने बैठक में किसान आंदोलन के लंबित मुद्दों पर जिसमें कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क को रद्द करवाने, स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने, एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसान मजदूरों की कर्जा मुक्ति समेत अन्य मुद्दों पर आगामी आंदोलन की योजना बनाई है। मोर्चा ने हरियाणा सरकार पर सरकारी कृषि मंडियों को धीरे-धीरे खत्म करने और उसके निजीकरण की योजना बनाने, कृषि क्षेत्र में कॉर्पोरेट खेती को बढ़ावा देने, असीमित मात्रा में कृषि उत्पादों का भंडारण करने, प्राइवेट बिजली कंपनियों के मुनाफे बढ़ाने के लिए स्मार्ट मीटर योजना को लागू करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को खुली छूट देने का आरोप लगाया है। 

यह रहेगी आंदोलन की रणनीति

किसान मोर्चा ने तय किया कि 11 मार्च को हरियाणा के सभी जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदर्शन करेगा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। हरियाणा विधानसभा में नई कृषि बाजार नीति को रद्द करने की मांग के लिए संयुक्त किसान मोर्चा 20 मार्च को कुरुक्षेत्र में आक्रोश प्रदर्शन करेगा और फिर भी इन मुद्दों का हल नही होगा तो अनिश्चित आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर बैठक में बलबीर सिंह, रतन मान, कंवरजीत सिंह, धर्मपाल बडाला, रणबीर मलिक, तेजिंदर रतिया, आजाद पालवा, रामफल शर्मा, सुखविंदर रतिया, बुध सिंह, रवि आजाद, सिक्किम, नायब सिंह, कुलदीप ढांडा सहित अनेक किसान नेता शामिल रहे।

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