Assembly Election Julana, मोहन भारद्वाज। हरियाणा में जींद को देवीलाल परिवार का गढ़ माना जाता है। 2019 में चुनाव में से भाजपा ने जींद व कांग्रेस ने सफीदों एक-एक जीती थी, जबकि उचाना, नरवाना और जुलाना तीन सीट जजपा ने जीती थी। जुलाना से एक बार फिर निवर्तमान विधायक अमरजीत ढांडा को उतारा है। अक्सर चुनावों के दौरान गुमनामी के अंधेरे में खोई रहने वाली जुलाना सीट इस बार प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक है। जिसका कारण यहां चुनावी रण में आमने सामने आए एक कप्तान व दो पहलवान हैं। जिनमें सबसे अधिक चर्चित एक चेहरा बना हुआ है। तीन सलिर्बिटियों के आने से चुनाव लड़ रहे दूसरे उम्मीदवारों की चर्चा भी कम ही सुनने को मिल रही है। ऐसे में देखना होगा कि पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाता चुपचाप चुनाव लड़ने वाले या चर्चित बन चुके सलिर्बिटी में से किस पर अपना विश्वास जताते हैं 8 अक्टूबर को मतणना के बाद ही इसका पता चलेगा।
मैदान में पांचों प्रमुख पार्टियां
जुलाना में भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, जजपा के साथ पहली बार प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही आप ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। करीब 1.87 लाख मतदाताओं वाली जुलाना सीट से कांग्रेस से विनेश फौगाट, भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी, आप से कविता दलाल, जजपा के निवर्तमान विधायक अमरजीत सिंह ढांडा व इनेलो के डॉ. सुरेद्र लाठर के अलावा छह अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। तीन चर्चित चेहरों के अलावा इनेलो के डॉ. सुरेंद्र लाठर व जजपा के अमरजीत सिंह ढांडा ही अब तक चुनाव मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में सफल रहे हैं।
कुश्ती मैट से वाया जंतर मंतर टू जुलाना
विनेश फौगाट खेल की दुनिया का एक बड़ा चेहरा रही हैं। जिन्होंने कुश्ती के मैट से अपना सफर शुरू कर जंतर-मंतर से होते हुए जुलाना से कांग्रेस की टिकट के साथ राजनीति में एंट्री की। 2020 में अपने बहनोई पहलवान बजरंग पूनिया के साथ किसान आंदोलन के समर्थन में आई विनेश फौगाट ने अप्रैल 2023 में बजरंग पूनिया व साक्षी मलिक के साथ रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए धरना शुरू किया था। जिसे कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के साथ हरियाणा की खापों व किसान संगठनों का साथ मिला। जुलाई में हुए पेरिस ओलंपिक में विनेश 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में पहुंची, परंतु फाइनल से पहले 100 ग्राम वजन अधिक मिलने पर विनेश को डिसक्वालीफाई कर दिया गया। विनेश के लिए पेरिस ओलंपिक विवाद व आंदोलन टर्निंग प्वाइंट साबित हुए। जनभावनाओं पर सवार विनेश के पांव जैसे ही देश की धरती पर पड़े तो उसे कैच करने के लिए दीपेंद्र हुड्डा, बजरंग पूनिया के साथ विनेश के काफिले की गाड़ी पर सवार हो गए तथा कुछ दिन बाद विनेश व बजरंग को कांग्रेस ज्वाइन करवाकर जुलाना से विनेश को चुनाव में उतार दिया।
देश की पहली पेशेवर महिला रेसलर
जुलाना के मालवी गांव में जन्मी कविता दलाल पेशेवर कुश्ती खेलने वाली देश की पहली महिला पहलवान है। जिन्होंने 2017 से 2021 तक डब्ल्यू डब्ल्यूई के रिंग में उतरकर अपनी प्रतिभा दिखाई। डब्ल्यू डब्ल्यू ई के रिंग में भारतीय महिलाओं का लोहा मनवाने पर उन्हें महिला खली का नाम भी दिया गया। कविता दलाल भारत्तोलन खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। ऐसे में यदि पेरिस ओलंपिक विवाद व आंदोलन को छोड़़ दे तो कविता दलाल भले ही मेडल के मामले में विनेश से पीछे रही हो, परंतु खेल की दुनिया में विनेश फौगाट से पीछे नहीं है। इसी फैक्ट को देखते हुए आप ने विनेश को टक्कर देने के लिए उनके सामने मैदान में उतारा है।
भाजपा ने पहलवानों के मुकाबलो कैप्टन का उतारा
कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय रेसलर विनेश फौगाट व कविता दलाल के सामने भाजपा के युवा चेहरे की तलाश कैप्टन योगेश बैरागी पर जाकर खत्म हुई। राजनीति के लिए चंद माह पहले पायलट की नौकरी छोड़कर आए कैप्टन योगेश बैरागी चन्नई बाढ़ के दौरान आपाद रिलिफ व रेस्क्यू की उड़ान और कोरोन काल में वंदे भारत मिशन से सुर्खियों में रहे थे। भाजपा ने जिसे न केवल विनेश व कविता को टक्कर देने के लिए उपयुक्त माना, बल्कि योगेश के सहारा भाजपा जुलाना में पहली जीत दर्ज करने का भी सपना देख रही है।