जींद: गांव बधाना निवासी रणधीर ने हिसार स्थित कार्यालय के नामजद राजेंद्र, चांद मोहम्मद, प्रिंस राजपूत समेत चार लोगों पर विश्वास में लेकर नरवाना बैंक से चार लाख रुपए निकलवाने व ठगी (Fraud) करने के आरोप लगाए। हालांकि पीड़ित करीब 14 दिनों से न्याय के लिए कभी नरवाना हुड्डा चौकी तो कभी अलेवा थाना के चक्कर काट रहा है, लेकिन पुलिस मामला एक दूसरे थाने का बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है। ऐसे में फिर से कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही सवालों में घिरी खाकी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दीन दयाल उपाध्याय विभाग के सदस्य बनकर मिले आरोपी

पुलिस को दी शिकायत में बधाना निवासी रणधीर ने बताया कि उसके भाई संदीप की मृत्यु 20 फरवरी 2024 को हुई थी। उसने दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत आवेदन किया और 18 नवंबर 2024 को दीन दयाल उपाध्याय योजना (Deen Dayal Upadhyay Scheme) की वित्तिय राशि पांच लाख रुपए उसके खाते में आ गई। हिसार स्थित कार्यालय से 21 नवंबर को राजेंद्र कोटली, चांद मोहम्मद खान और प्रिंस राजपूत उसके घर बधाना गांव में दीन दयाल उपाध्याय विभाग के सदस्य बनकर आए और उसे झांसे में ले लिया।

धोखे से हस्ताक्षर करवाकर निकाले रुपए

पीड़ित ने बताया कि 22 नवंबर को आरोपी उसे नरवाना बुलाकर कोर्ट ले गए और लिखित में एक शपथ पत्र बनवाया।  उसके बाद सीधे यूनियन बैंक आफ इंडिया नरवाना में ले गए, जहां पर आरोपियों ने एक फार्म भरवाया, जिसका उसे पता नहीं था कि किस चीज का है। आरोपियों ने फार्म स्वयं भरा और उससे हस्ताक्षर करवा लिए। उसके बाद पता चला कि 22 नवंबर को राजेंद्र ने उसके खाते से संजय के खाते में चार लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। उससे खाते में ठगी होने बारे में पता चला तो आरोपियों को फोन किया। आरोपी प्रिंस राजपूत ने किसी को बताने पर आत्महत्या (Suicide) करने की धमकी दी। मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दी।

शिकायत मिली, मामला नरवाना का : राजकुमार

अलेवा थाना प्रभारी राजकुमार ने बताया कि मामला पूरा नरवाना हुड्डा चौकी का बनता है। हालांकि मामले को लेकर उनको शिकायत मिली है लेकिन मामला नरवाना हुड्डा चौकी का होने के कारण जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी सामने आएगा, उसी के आधार पर कार्रवाही कर दी जाएगी।

मामला अलेवा थाना से संबंधित: अनिल कुमार

नरवाना हुड्डा चौकी प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि पीड़ित बधाना गांव का होने के चलते तथा पूरा मामला गांव में होने के कारण इसकी कार्रवाई अलेवा थाना में बनती है। नरवाना बैंक से तो केवल रुपए निकले हैं, जिसको लेकर पीड़ित को समझा दिया था। अब आएंगे तो उनको फिर से समझा दिया जाएगा। मामले को लेकर अलेवा पुलिस ही कार्रवाई करेगी।