जींद: जम्मू में चुनाव की ड्यूटी में तैनात काब्रच्छा गांव के सीआरपीएफ जवान प्रवीण कुमार का गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सफाखेड़ी गांव से युवा बाइकों के काफिले के साथ काब्रच्छा गांव तक प्रवीण कुमार के पार्थिव शरीर को लेकर गए। बाइकों पर तिरंगे लगाए हुए युवा, ग्रामीण प्रवीण अमर रहे के नारे लगाते हुए सफाखेड़ी, तारखा से होते हुए गुजरे। प्रवीण के अंतिम संस्कार में पहुंचकर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह, विकास काला सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धाजंलि दी।
मार्च 2021 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था शहीद
26 साल का प्रवीण 13 मार्च 2021 को सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। मार्च 2023 में प्रवीण की शादी पंघाल गांव की नीलम के साथ हुई थी। प्रवीण के नौ माह का एक बेटा है। अपने माता-पिता का इकलौता बेटा प्रवीण था। प्रवीण से बड़ी उसकी बहन है जो शादीशुदा है। प्रवीण के परिजनों को शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान प्रवीण की मौत की खबर मिली। पढ़ाई करते हुए प्रवीण सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। 12वीं तक प्रवीण ने पढ़ाई की। 25 जुलाई को छुट्टी पूरी करके वो ड्यूटी पर गया था। प्रवीण कुमार के पार्थिव शरीर के साथ आए जवानों ने बताया कि प्रवीण कुमार ड्यूटी को लेकर बहुत पाबंद था।
चुनाव ड्यूटी पर शुक्रवार को जाना था कठुआ
जानकारी अनुसार जिस बिल्डिंग में अपनी टीम के साथ प्रवीण रूका हुआ था, वहां शुक्रवार सुबह नाश्ता करने के बाद कठुआ के लिए जाना था। टीम द्वारा दोपहर का लंच भी पैक कर लिया था लेकिन भगवान को शायद कुछ ओर मंजूर था। बिल्डिंग में चल रहे काम में जो लिफ्ट थी, वहां से गुजरते हुए प्रवीण ड्यूटी के दौरान हादसे का शिकार हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रवीण कुमार बड़ा मिलनसार था। वो जब भी छुट्टी आता तो गांव में ही रहता था।
रो-रो कर परिजनों का बुरा हाल
काब्रच्छा गांव में प्रवीण के घर पर प्रवीण कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। परिवार को सांत्वना देने वालों की आंखों में भी आंसू अपने आप आ रहे थे। नौ महीने के मासूम को नहीं पता था कि उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। पत्नी नीलम बार-बार बेहोश हो रही थी। महिलाएं नीलम को सांत्वना देने के साथ-साथ खुद के आंसू नहीं रोक पा रही थी। पूरे गांव में मातम का माहौल था। ग्रामीणों ने नम आंखों के साथ शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।