जींद: पिल्लूखेड़ा मंडी तथा आसपास के इलाके में तेंदूआ होने की अफवाह से हडकंप मच गया। पीएनबी गली के पीछे कुत्ते के दो पिल्ले मृत पाए गए, जबकि एक घायल हालात में तड़प रहा था। मृत पिल्लों की गर्दन पर दांत के निशान भी थे। सूचना मिलने पर पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस तथा वन्य प्राणी विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और हालातों का जायजा लिया। रेस्क्यू टीम ने लगभग पांच घटे तक आसपास के इलाके में सर्च अभियान चलाया, लेकिन तेंदूए का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं गली में लगे सीसीटीवी में भी कुछ नहीं पाया गया। फिर भी वन्य प्राणी विभाग तथा पुलिस इलाके पर नजर बनाए हुए है।
पिल्लों की गर्दन पर मिले दांत के निशान
पिल्लूखेड़ा मंडी में मृत मिले दो पिल्लों की गर्दन पर दांतों के निशान थे, जिसके साथ तेंदूआ होने की चर्चा भी चल निकली। सूचना मिलने पर पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालातों का जायजा लेकर वन्य प्राणी विभाग को सूचित किया। गली में लगे सीसीटीवी की फूटेज को खंगाला गया, लेकिन उसमें तेंदूआ दिखाई नहीं दिया। जिसके साथ ही हिसार से वन्य प्राणी विभाग की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम तथा पुलिस ने लगभग पांच घंटे तक इलाके को खंगाला, लेकिन तेंदूए की कोई उपस्थिति नहीं पाई गई। फिर भी वन्य प्राणी विभाग तथा पुलिस इलाके पर नजर बनाए हुए हैं।
बंदर व कुत्ते के निकले निशान
वन्य प्राणी विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने कुछ निशान मिट्टी पर दिखाए। जब टीम ने उन निशानों को जांचा तो वह बंदर तथा कुत्तों के निकले। टीम ने रेलवे लाइन पार खेतों को लगभग पांच किलोमीटर तक खंगाला, लेकिन तेंदूए के कोई पद चिन्ह या उसका उपस्थिति उस इलाके में नहीं पाई गई। वन्य प्राणी विभाग के अनुसार पागल कुत्ता या अन्य कुत्ते भी दूसरे पिल्लों को मार सकते हैं। वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक मनबीर खटकड़ ने बताया कि दो कुत्ते के पिल्ले मृत पाए गए हैं। गर्दन पर दांतों के निशान भी हैं। सीसीटीवी में भी कुछ दिखाई नहीं दिया। जो पद चिन्ह मिले, वह बंदर तथा कुत्तों के हैं।