The fight against malnutrition : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे कुपोषण मुक्त गांव अभियान के तहत सोमवार को कैथल लघु सचिवालय स्थित सभागार में एडीसी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एडीसी ने कहा कि डीसी प्रीति के दिशा निदेर्शानुसार गांवों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है।

इन गांवों को लिया गोद

डीसी द्वारा गांव किठाना व कसान को, एडीसी द्वारा मांझला व जडौला, नगराधीश द्वारा गांव सेगा, एसडीएम गुहला द्वारा गांव रिवाड़ जागीर व पोलड़, एसडीएम कलायत द्वारा गांव ढुंढवा व शिमला, कैथल एसडीएम द्वारा गांव कुलतारण व पाई तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा रत्ता खेड़ा लुकमान गांव गोद लिया गया है।

आंगनबाड़ी केंद्रों का राशन होगा चेक

एडीसी दीपक बाबू लाल करवा ने सभी एसडीएम तथा नगराधीश को आदेश दिए कि वे स्वयं गांव का दौरा करें और कुपोषण विषय पर बैठकें आयोजित करके कुपोषण को कम किया जाए। अधिकारी अपने दौरे के दौरान बच्चों के माता-पिता से बातचीत करें और आंगनबाड़ी केंद्र व प्ले स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, आंगनबाड़ी केंद्र के आस पास स्वच्छता एवं किचन गार्डनिंग को चेक करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में वितरित किए जाने वाले राशन की गुणवत्ता से कोई समझौता सहन नहीं होगा। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि खाद्य सामग्री में नियमानुसार गुणवता का विशेष ध्यान रखा जाए।

50 गांवों की रिपोर्ट भी जांची

एडीसी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन आंगनबाड़ी वर्करों की कार्यकुशलता उचित नहीं है, उनकी प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यकुशलता में सुधार लाया जाए। इस बैठक में पहले चयनित 50 गांव में पोषण से संबंधित कार्यों का ब्यौरा लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें और कुपोषण को जड़ से खत्म किया जाए। इस मौके पर कैथल एसडीएम अजय सिंह, कलायत एसडीएम अजय हुड्डा, सीटीएम गुरविंद्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी गुरजीत कौर, शिक्षा विभाग से बीपीसी संजय कुमार, पंचायत विभाग से कुलदीप सिंह, शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग से सुभाष, जिला परियोजना सहायक मुकेश एवं संबंधित गांव की सुपरवाइजर उपस्थित रहे।